योग: हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: ७.१४ तक, तदन्तर वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग प्रारम्भ हो जाएगा। वज्र नामक योग की प्रथम तीन घटी शुभ कार्यों में यथासंभव वर्जित रखना चाहिए। विशिष्ट योग: सूर्योदय से सायं ७.११ तक सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग और दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है। करण: वणिज नामकरण प्रात: ९.११ तक, इसके बाद रात्रि १०.२३ तक भद्रा है। तदुपरान्त बवादि करण प्रारंभ हो जाएंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न ११.०८ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.२५ से दोपहर बाद १.४२ तक शुभ तथा सायं ४.१७ से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.०४ से दोपहर १२.४६ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। व्रतोत्सव: आज विनायक चतुर्थी है तथा आज से राष्ट्रीय पौष मास प्रारम्भ हो जाएगा। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि मकर राशि में है।
राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे: आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (खे, खो, ग, गि) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मकर तथा ताम्रपाद से जन्म है। सामान्यत: ये जातक पंडित, विद्वान, बुद्धिमान, विशाल हृदयी, धनी, कलाकुशल, प्रसिद्ध, नेकनामी, रागविद्या, गणित और ज्योतिषादि में रुचि रखने वाले, विवेकी, उच्च विचार वाले, जिनके विचार असंकुचित और कलाप्रिय होते हैं। इनके १९ व २४वें वर्ष प्राय: अच्छे नहीं होते। मकर राशि वाले जातकों को आज बड़े कष्ट व कठोर परिश्रम करने पर धनलाभ होगा। अपने व्यवहार में मधुरता लावें।