द्वितीया भद्रा संज्ञक शुभ तिथि अंतरात्रि ४.५१ तक, तदुपरान्त तृतीया जया संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। द्वितीया तिथि में यथा आवश्यक सभी मांगलिक कार्य, विवाह, यज्ञोपवीत, वास्तु (गृह), अलंकार, प्रतिष्ठा तथा अन्य शुभ कार्य करने योग्य हैं। नक्षत्र: शतभिषा ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र पूर्वाह्न ११.२८ तक, इसके बाद पूर्वाभाद्रपद ‘उग्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। शतभिषा नक्षत्र में यात्रा, सवारी, वास्तु, उपनयन, वाहनादि क्रय करना आदि कार्य और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में विद्या, कला, कृषि, पशु व जलयंत्र सम्बंधी कार्य शुभ कहे गए हैं। योग: शिव नामक योग अपराह्न ३.२८ तक, तदन्तर सिद्ध नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: त्रिपुष्कर नामक शुभाशुभ योग, पूर्वाह्न ११.२८ से अंतरात्रि ४.५१ बजे तक है। करण: बालव नाम करण सायं ४.२४ तक, इसके बाद कौलवादि करण हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ८.३० से ९.५३ तक शुभ तथा दोपहर १२.१० से सायं ४.५२ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१८ से दोपहर १.०३ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: आज शतभिषा नक्षत्र में गृहारम्भ, गृहप्रवेश (च.शु.र.), देवप्रतिष्ठा तथा शतभिषा व पू.भा. नक्षत्रों में उपनयन, प्रसूतिस्नान और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में वाहन क्रय, मशीनरी प्रा., जलवा, टीका, सगाई व वधू प्रवेश आदि के शुभ मुहूर्त हैं। फुलेरा दोज स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त है।
व्रतोत्सव: आज फुलेरा दोज (स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त) भी है। श्री रामकृष्ण परमहंस जयंती, पंचक संपूर्ण दिवारात्रि, मेला खाटू श्यामजी ११ दिवसीय प्रारंभ (राज.) तथा नवीन चन्द्र के दर्शन ३० मु.। चन्द्रमा: चन्द्रमा अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: ६.२९ तक कुम्भ राशि में, इसके बाद मीन राशि में रहेगा। दिशाशूल: शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पूर्व दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद हैै। राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।