योग:
प्रीति नामक योग प्रात: 8.25 तक, इसके बाद आयुष्मान नामक योग अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.42 तक है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।
विशिष्ट योग:
कुमार योग नामक शुभ योग दोपहर 12.03 तक, यमघंट नामक अशुभ योग व दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग सूर्योदय से सायं 4.57 तक, इसके बाद सूर्योदय तक राजयोग नामक शुभ योग है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से पूर्वाह्न 11.03 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर 12.34 से दोपहर बाद 2.04 तक शुभ तथा सायं 5.05 से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर12.09 से दोपहर 12.57 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभ कार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल:
प्रात: 10.30 से दोपहर 12.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
शुभ मुहूर्त:
उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज सप्तमी, रोहिणी नक्षत्र में यथाआवश्यक प्रसूतिस्नान, नामकरण, अन्नप्राशन, हलप्रवहण व विपणि-व्यापारारम्भ के शुभ मुहूर्त हैं।