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Krishna Janmashtami 2017- जानें श्रीकृष्ण से जुड़ी वे बातें जो आपने कभी नहीं सुनी होंगी

locationआगराPublished: Aug 14, 2017 01:39:00 pm

Submitted by:

suchita mishra

16 कलाओं के स्वामी श्रीकृष्ण की हर लीला के पीछे एक गहरा संदेश छिपा था। जानिए Krishna Janmashtami 2017 के मौके पर उनसे जुड़े रोचक तथ्य।

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कन्हैया विष्णु भगवान के अवतार हैं और 16 कलाओं के स्वामी हैं। द्वापरयुग में लड्डू गोपाल से लेकर भगवान श्रीकृष्ण बनने तक उन्होंने कई लीलाएं लोगों के समक्ष प्रस्तुत की। उनकी अनेक लीलाओं के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण को दुनियाभर में विभिन्न नामों से बुलाया जाता है। मथुरा वृंदावन में उन्हें एक शरारती और मोहक बच्चे की तरह प्रेम किया जाता है और कन्हैया कहा जाता है, वहीं द्वारका में द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के नाम से पूजा जाता है। कन्हैया की हर लीला के पीछे कोई न कोई संदेश छिपा है। Krishna Janmashtami 2017 के इस मौके पर जानते हैं श्रीकृष्ण से जुड़ी वे बातें जो आपने अब तक न सुनी हों।
1. श्रीकृष्ण की कुल 16108 पत्न‍ियां थीं, जिनमें से आठ उनकी पटरानियां थीं। उनके नाम रुक्मिणी, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था। बाकी वे रानियां थीं जिनका भौमासुर ने अपहरण कर लिया था। भौमासुर से उनकी जान जब श्रीकृष्ण ने बचाई तो वे कहने लगीं अब हमें कोई स्वीकार नहीं करेगा तो हम कहां जाएं। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपनी पत्नी का दर्जा देकर उनका जिम्मा उठाया।
2. अपने गुरु संदीपन को गुरु दक्ष‍िणा देने के लिए भगवान कृष्ण ने उनके मृत बेटे को जीवित कर दिया था।

3. भगवान कृष्ण के कुल 108 नाम हैं, जिनमें गोविंद, गोपाल, घनश्याम, गिरधारी, मोहन, बांके बिहारी, बनवारी, चक्रधर, देवकीनंदन, हरि, और कन्हैया प्रमुख हैं।
4. देवकी की सातवीं संतान बलराम और आठवीं संतान श्रीकृष्ण थे। भगवान ने बाकी छह को भी देवकी से मिलवाया था।

5. भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज 17 वर्ष की आयु में छोड़ा था। उसके बाद वे राधारानी से सिर्फ एक बार मिले, लेकिन उनका राधारानी से संबंध ताउम्र आत्मा का रहा।
6. श्रीकृष्ण से भगवत गीता सबसे पहले सिर्फ अर्जुन ने ही नहीं, बल्क‍ि हनुमान और संजय ने भी सुनी थी। हनुमान कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ में सबसे ऊपर सवार थे।
7. श्रीकृष्ण के अवतार का अंत एक बहेलिया के तीर से हुआ था। वह बहेलिया पिछले जन्म में बालि था। जब भगवान राम ने बालि को छिपकर मारा था तो भगवान राम ने कहा था कि अगले जन्म में मेरी मृत्यु भी तुम्हारे हाथों होगी। अगले जन्म में वे श्रीकृष्ण बने। वे जब एक पेड़ पर बैठे थे तो बहेलिए ने उनके पैर में बने एक निशान को चिड़िया समझ कर तीर चलाया तो तीर कृष्ण के पैर में लगा और उसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।
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