योग:
वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग प्रात: 10.30 तक, तदन्तर सिद्धि नामक नैसर्गिक शुभ योग है। करण: बव नामकरण प्रात: 10.13 तक, इसके बाद बालवादि करण हैं।
शुभ मुहूर्त:
उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार श्रवण नक्षत्र में नामकरण, अन्नप्राशन, अक्षरारम्भ और हलप्रवहण आदि के यथा आवश्यक शुभ मुहूर्त हैं।
राहुकाल:
दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (खू,खे,खो,ग,गि) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मकर तथा जन्म ताम्रपाद से है। जो शुभ है। सामान्यत: ये जातक सुखी, प्रशंसक और सदा अपने कार्यों को तत्परता से करने वाले, धनी, बहुत बोलने वाले, गंभीर, बुद्धिमान, साहसी, नेक नाम, गणित, रागविद्या व ज्योतिष में रुचि रखने वाले, विवेकी, धार्मिक और उच्च पदधारित होते हैं। क्रूर ग्रह की दशा में राहु-शनि व केतु के अंतर में शत्रुकष्ट व चोरी का भय रहता है। मकर राशि वाले जातकों को अचानक किसी आवश्यक कार्य से दूर परे की यात्रा पर जाना पड़ सकता है।