जानकारों के अनुसार हिंदू वर्ष 2079 राक्षस नाम से पहचाना जाना चाहिए, लेकिन ये संवत्सर नल नाम से जाना जाएगा। वहीं कुछ जानकारों में इस नवसंवत्सर 2079 को राक्षस या नल के रूप में पहचाने जाने को लेकर विवाद है।
लेकिन, वहीं ये सभी जानकार जिस बात को एकमत हैं उसमें आने वाले हिन्दू नववर्ष के राजा शनि और मंत्री अर्थात गुरु होंगे। इसी प्रकार इस दौरान अन्य ग्रहों के पास भी अलग-अलग भूमिका रहेगी। ज्योतिष के जानकार पंडित एसके उपाध्याय के अनुसार इस साल के राजा न्याय के देवता शनि होने के चलते इस नवसंवत्सर के दौरान न्याय के क्षेत्र में कुछ खास स्थिति देखने को मिलेगी, इसी के साथ देश दुनिया मे कई तरह की सामान्य व असामान्य घटनाओं के साथ ही कई विषम परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ेगा।
इस नववर्ष 2079 में ऐसा रहेगा ग्रहों का मंत्रिमंडल-
राजा-शनि, मन्त्री-गुरु, सस्येश-सूर्य, दुर्गेश-बुध, धनेश-शनि, रसेश-मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश-बुध, मेघेश-बुध रहेंगे। वहीं संवत्सर का निवास कुम्हार का घर और समय का वाहन घोड़ा है।
यहां यह भी जान लें कि माना जाता है कि जिस वर्ष समय का वाहन घोड़ा होता है उस वर्ष तेज गति से वायु, चक्रवात, तूफान, भूकंप भूस्खलन आदि की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा मानसिक बैचेनी भी बढ़ने के साथ ही तेज गति से चलने वाले वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना में भी वृद्धि हो जाती है।
पंडित उपाध्याय के अनुसार हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2079 की शुरुआत बुधवार, 2 मार्च से होगी। पं. उपाध्याय के अनुसार इस नवसंवत्सर 2079 का राजा शनि होने के चलते जनता में शासकों के प्रति अविश्वास में वृद्धि देखने को मिल सकती है। वहीं इस नववर्ष में न्याय का शिकंजा मजबूत होने के चलते अपराधियों को दंड देने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इसके अलावा इस दौरान पश्चिमी और मध्यपूर्व एशिया देशों में संघर्ष की स्थिति भी निर्मित होती दिख रही है। ऐसे में अनेक वस्तुओं पर महंगाई की मार पड़ती देखी जा सकती है।
वहीं 29 अप्रैल को शनि के इस बड़े राशि परिवर्तन यानि कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती के अलग-अलग चरण शुरू हो जाएंगे। इस समय कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा, मकर पर तीसरा और मीन राशि पर पहला चरण शुरू हो जाएगा।
जबकि कर्क व वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरु हो जाएगी। शनि के राशि परिवर्तन होने से धनु राशि से साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी। जिसके चलते इनके जीवन में परेशानियां काफी हद तक कम हो जाएंगी।
इस नव संवत्सर 2079 न्याय के देवता शनि जहां सुख और समृद्धि दिलाएंगे, वहीं जीवन के कर्म का फल भी प्रदान करेंगे, इसीलिए सतर्कता भी जरूरी है। दरअसल नए वर्ष के प्रथम दिन के स्वामी को उस वर्ष का स्वामी मानते हैं। इस वर्ष का प्रथम दिन शनिवार को है और इसके देवता शनि है। इसके अलावा नवसंवत्सर के पहले ही दिन चंद्र देव भी अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस नवसंवत्सर 2079 में अच्छी बारिश के योग दिख रहे हैं, जिसके चलते फसलों के लिहाज से इस दौरान अच्छी बारिश होगी। Must Read-
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