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Vivah Panchami 2022: इस दिन शुभ योग पर करें ये दुख दर्द दूर होने के साथ ही जीवन में आएगी खुशहाली

Published: Nov 26, 2022 06:46:33 pm

Vivah panchami 2022: हिंदू पंचांग के मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पचंमी को भगवान राम और माता सीता की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में इस साल 2022 में विवाह पंचमी यानि राम-सीता विवाह की तिथि पर बन रहे शुभ योग।

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Vivah panchami 2022: हिंदू पंचांग के मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पचंमी रविवार 27 नवंबर 2022 (जो 27 नवंबर से 28 नवंबर 2022 तक रहेगी) से लग रही है। यह तिथि भगवान राम और माता सीता की विवाह वर्षगांठ मानी जाती है, जिस कारण दस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।

विवाह पंचमी के इस अवसर पर विभिन्न सीता-राम के मंदिरों में विशाल आयोजन किए जाते हैं। इस दिन राम भक्त जप, तप, यज्ञ और अनुष्ठान करते हैं। वहीं घरों और मंदिरों में श्री रामचरितमानस का पाठ भी किया जाता है।

खासतौर पर ये पर्व नेपाल के जनकपुर में मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार राम-सीता का विवाह यहीं हुआ था। ऐसे में इस साल यानि 2022 में रविवार 27 नवंबर को विवाह पंचमी (जो 27 नवंबर से 28 नवंबर 2022 तक रहेगी) यानि भगवान राम और माता सीता की विवाह तिथि पर बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इस बार की विवाह पंचमी (जो 27 नवंबर से 28 नवंबर 2022 तक रहेगी) के शुभ योग, मुहूर्त…
विवाह पंचमी 2022 मुहूर्त (Vivah panchami 2022 Puja Time)
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी तिथि प्रारंभ – 27 नवंबर 2022, शाम 4 बजकर 25 मिनट पर

मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी तिथि समापन – 28 नवंबर 2022, दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर
विवाह पंचमी तिथि- 28 नवंबर 2022, सोमवार

अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:53- दोपहर 12:36

विवाह पंचमी 2022 शुभ योग (Vivah panchami 2022 Shubh yoga)
विवाह पंचमी के दिन तीन शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि, वृद्धि और रवि योग का संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इन योग में कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से उसमें अवश्य सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही सुख-सौभाग्य में वृद्धि पाने के लिए इन योग में कुछ विशेष उपाय शुभ फलदायी होते हैं।
वृद्धि योग – 27 नवंबर 2022, रात 09:34 – 28 नवंबर 2022, शाम 06:05
सर्वार्थ सिद्धि योग – 28 नवंबर 2022, सुबह 10. 29 – 29 नवंबर 2022, सुबह 6.25
रवि योग – सुबह 10.29 – 29 नवंबर 2022, सुबह 6.25— 29 नवंबर 2022

विवाह पंचमी के विशेष उपाय (Vivah panchami Upay)
मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष की पंचमी तिथि को ही तुलसीदास जी ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पूर्ण की थी। वहीं त्रेतायुग में इसी दिन से भगवान राम और माता सीता का गृहस्थ जीवन शुरू हुआ था। इस दिन राम-सीता की पूजा के बाद घर में रामचरितमानस का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन रामचरितमानस का पाठ करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सुख-शांति आती है।

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