आइये सबसे पहले जानते हैं शनिवार की पूजन विधि
शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर और साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें। इसके बाद लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें।
ये सब करने के बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र, तेल आदि से पूजा करें। इस दौरान शनि के दस नामों का उच्चारण करें। पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें। इसके बाद शनि मंत्र ‘शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे। केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥’ पढ़ते हुए प्रार्थना करें।
शनिवार को भूलकर भी न करें ये काम
अगर शनि की विशेष कृपा पानी है तो शनिवार के दिन नाखून या बाल नहीं काटें। अगर ऐसा करते हैं तो शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं।
अगर शनि की विशेष कृपा पानी है तो शनिवार के दिन नाखून या बाल नहीं काटें। अगर ऐसा करते हैं तो शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं।
शनिदेव को खुश रखना चाहते हैं तो कुत्तों, गाय, बकरी आदि पशुओं पर अत्याचार न करें। हो सके तो पक्षियों को रोटी खिलाएं। शनिवार के दिन घर में लोहे की वस्तु ना लाएं। अगर आप घर में कोई लोहे का सामान लाने का मन बना रहे हैं तो ऐसा करने से बचें।