गौरतलब है कि पिछले साल ऑल इंडिया पहली, दूसरी और तीसरी रैंक जयपुर के स्टूडेंट्स ने ही हासिल की थी, वहीं २०१७ मेें भी क्लैट टॉपर जयपुर से ही था। सौम्य वर्तमान में उदयपुर में रहते हैं। उसके पिता प्रो आरडी गुर्जर राजस्थान विवि जयपुर से भूगोल से सेवानिवृत्त प्रोफेसर है। माता सीमा जालान भूगोल विषय की ही उदयुपर स्थित मोहनलाल सुखाडि़या विवि में प्रोफेसर हैं। क्लैट 26 मई को देश के 40 शहरों में आयोजित हुई थी। इस बार यह टेस्ट नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी उड़ीसा ने आयोजित किया था।
इनकी भी बनी रैंक : जोधपुर के यश कावडि़या ने छठी रैंक हासिल की। शुभ ने आठवीं रैंक, तुषार ने 28वीं रैंक, अंकित स्वामी ने 32वीं रैंक, भरत ने 33वीं रैक, प्रींस ने 39 वीं रैंक, हर्ष ने 61वीं रैंक, लब्धी ने 63वीं रैंक, वेदिका ने 68वी रैंक प्राप्त की। एसटी कैटेगरी में सुधांश मीना ने दूसरी रैंक हासिल की व एससी कैटेगरी में अंजलि ने 32वीं रैक हासिल की।
सुप्रीम कोर्ट का जज बनने की इच्छा
सौम्य ने बताया कि उसने ९वीं क्लास में ही लॉ फील्ड में जाने का मन बना लिया था। पहले ही दिन तय कर लिया था कि सुप्रीम कोर्ट का जज बनना है। 11वीं क्लास से तैयारी कर दी थी , जिससे 12वीं बोर्ड के साथ लॉ एंट्रेंस की तैयारी करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। छात्रों को सलाह दी कि 11वीं क्लास से ही अपनी तैयारी शुरू कर दें, ताकि ईयर ड्रॉप करने जैसी नौबत ना आए। उसे एनएलयू बेंगलूरु में एडमिशन लेना है। सौम्य ने 12वीं कक्षा की पढ़ाई उदयपुर से की है, वे छुट्टियों में जयपुर आकर क्लैट की तैयारी करता था।
सौम्य ने बताया कि उसने ९वीं क्लास में ही लॉ फील्ड में जाने का मन बना लिया था। पहले ही दिन तय कर लिया था कि सुप्रीम कोर्ट का जज बनना है। 11वीं क्लास से तैयारी कर दी थी , जिससे 12वीं बोर्ड के साथ लॉ एंट्रेंस की तैयारी करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। छात्रों को सलाह दी कि 11वीं क्लास से ही अपनी तैयारी शुरू कर दें, ताकि ईयर ड्रॉप करने जैसी नौबत ना आए। उसे एनएलयू बेंगलूरु में एडमिशन लेना है। सौम्य ने 12वीं कक्षा की पढ़ाई उदयपुर से की है, वे छुट्टियों में जयपुर आकर क्लैट की तैयारी करता था।
10 वीं रैंक: सोशल मीडिया से दूर रहा ध्रुव
ऑल इंडिया 10वीं रैंक पाने वाले धु्रव जैन ने बताया कि सफलता के लिए मेहनत जरूरी होती है। वहीं, मॉक टेस्ट देने के साथ उसका एनालिसिस ज्यादा जरूरी है। सुदर्शन क्रिया से मुझे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इसकी मेरी सफलता में बड़ी भूमिका है। टीवी-सोशल मीडिया से कोसों दूर रहने वाले ध्रुव के अनुसार स्मार्टफोन आपको लक्ष्य से दूर करता है। उसे एनएलयू बेंगलूरु में एडमिशन लेकर कॉर्पोरेट लॉयर बनना है।
ऑल इंडिया 10वीं रैंक पाने वाले धु्रव जैन ने बताया कि सफलता के लिए मेहनत जरूरी होती है। वहीं, मॉक टेस्ट देने के साथ उसका एनालिसिस ज्यादा जरूरी है। सुदर्शन क्रिया से मुझे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इसकी मेरी सफलता में बड़ी भूमिका है। टीवी-सोशल मीडिया से कोसों दूर रहने वाले ध्रुव के अनुसार स्मार्टफोन आपको लक्ष्य से दूर करता है। उसे एनएलयू बेंगलूरु में एडमिशन लेकर कॉर्पोरेट लॉयर बनना है।