सीए रिजल्ट : इस बार अव्वल रहे बॉयज
Published: Jul 17, 2015 12:28:00 pm
सीपीटी में पिछले साल के मुकाबले दोगुनी संख्या में पासआउट, सीए फाइनल में 199 ने
बाजी मारी
जयपुर। द इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कॉमन प्रोफेशिएंसी टैस्ट (सीपीटी) और सीए फाइनल का रिजल्ट गुरूवार को घोषित किया गया। हर बार की तरह इस साल भी शहर के होनहारों ने साबित कर दिया कि जयपुर सीए का गढ़ है। खास बात यह है कि जहां सीपीटी में पिछले सत्र के रिजल्ट 18.66 परसेंट के मुकाबले इस बार लगभग डबल, 33.39 रहा, वहीं सीए फाइनल में पिछले साल 1976 स्टूडेंट्स में से 153 पास हुए थे, वहीं इस साल 2395 में से 199 स्टूडेंट्स ने अपनी जगह बनाई है।
पिछले साल चार, अब छह
सीपीटी में पिछले सत्र, दिसम्बर 2014 में जयपुर के 2181 स्टूडेंट्स में से 407 कामयाब हुए थे, वहीं इस साल 2632 में से 879 स्टूडेंट्स ने बाजी मारी है। मैरिट लिस्ट की बात करें, तो इस साल सीपीटी टॉप 10 में जयपुर के छह स्टूडेंट्स ने रैंक हासिल की है, जबकि पिछले साल शहर के सिर्फ चार होनहार ही जगह बना पाए थे। इनमें दो गल्र्स और दो बॉयज थे। इस साल बॉयज ही शीर्ष स्थान पर दिखे। अजय अग्रवाल ने 5वीं, अर्पित चितौड़ा ने 7वीं, आकाश कुमार बंसल 7वीं, लक्ष्य अग्रवाल ने 9वीं, केशव परवाल 9वीं, श्याम राठी ने 10वीं रैंक हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है।
टॉप-50 में जयपुर के तीन
सीए फाइनल की टॉप 50 मैरिट लिस्ट में इस साल शहर के तीन स्टूडेंट ने रैंक हासिल की है। इस साल निधि काबरा ने 31वीं रैंक, पंकज अग्रवाल 36वीं और तन्वी खंडेलवाल ने 47वीं रैंक हासिल की है। पिछले साल यह आंकड़ा दो स्टूडेंट का था।
निधि काबरा
पैरेंट्स : सुरेश कुमार -जयश्री
सेल्फ स्टडी की। हर सब्जेक्ट के लिए टारगेट सैट किया और तय समय तक उस सब्जेक्ट का सिलेबस पूरा कर लिया। जिन सवालों में ज्यादा प्रॉब्लम रही, उन्हें छोड़ आगे की सवालों पर फोकस किया। एग्जाम के दौरान 10 घंटे से ज्यादा पढ़ाई की।
पंकज अग्रवाल
पैरेंट्स : जयप्रकाश-अनिता
पिछले बार आईपीसीसी में मेरी रैंक 46 रही, लेकिन उससे मैं ज्यादा खुश नहीं था। इस बार रैंकिंग के लेवल को हाई करने की ठान रखी थी। इसलिए सिलेबस टाइम से पूरा किया। मुझे लगता है कि लाइफ में चैलेंज लेकर एफर्ट करने से सफलता जरूर मिलती हैं।
तन्वी खंडेलवाल
पैरेंट्स : अजय – रजनी
एग्जाम के लिए छह महीने लगभग 10 घंटे रेगुलर स्टडी पर फोकस किया। स्ट्रेस न हो, इसलिए संडे को स्टडी नहीं करती थी। कॉन्सेप्ट क्लीयर कर आगे बढ़ती रही।