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RRB Groupd D Results: ऐसे मिले अभ्यर्थियों को 100 से अधिक मार्क्स, रेलवे ने बताया

locationजयपुरPublished: Mar 07, 2019 05:01:56 pm

RRB Groupd D Results CBT 2018: भारतीय रेलवे ने कहा कि इसके लिए परीक्षा में प्राप्त अंकों को जोडऩे की प्रणाली पिछले 19 वर्षों से अपनाई जा रही है और इसमें नॉर्मलाइज्ड अंक कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं।

RRB Group D Result CBT 2018

RRB Group D Result CBT 2018

RRB Groupd D Results CBT 2018: भारतीय रेलवे में 62,907 कर्मचारियों के लिए हुई भर्ती परीक्षा के परिणामों को लेकर सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। सरकार ने कहा कि इसके लिए परीक्षा में प्राप्त अंकों को जोडऩे की प्रणाली पिछले 19 वर्षों से अपनाई जा रही है और इसमें नॉर्मलाइज्ड अंक कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं।

रेल मंत्रालय द्वारा जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि रेलवे भर्ती बोर्ड के लेवल-1 परीक्षा परिणामों के बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है। लेवल-1 परीक्षा परिणामों के लिए परीक्षा परिणाम तैयार करने की कोई नई प्रणाली लागू नहीं की गई। केन्द्रीकृत रोजगार अधिसूचना के अनुसार उम्मीदवार द्वारा प्राप्त किए गए अंक नार्मलाइजेंशन प्रणाली के आधार पर जारी किये गये हैं। उम्मीदवार के प्राप्तांक परीक्षा पत्र के कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं। इस प्रणाली का परिपालन वर्ष 2000 से किया जा रहा है।

रेलवे द्वारा जारी स्पष्टीकरण में आगे कहा गया है कि 62,907 पदों के लिए रिकॉर्ड 1,89,78,913 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए। विश्व की सबसे बड़ी कम्प्यूटर आधारित परीक्षा 51 दिनों में 152 पालियों में 17 सितंबर 2018 से 17 दिसंबर 2018 तक आयोजित की गई। इस कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के परिणाम गत 04 मार्च को घोषित किए गए।

केन्द्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन) में महत्वपूर्ण निर्देश में यह कहा गया है कि उम्मीदवारा द्वारा प्राप्त किए गए अंक नार्मलाइजेंशन प्रणाली के अधीन होंगे। रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम तथा इसके लिए अपनाई गई प्रणाली के संबंध में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने प्रतिवेदन दिए। कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के लिए परिणाम तैयार करने की कोई नई प्रणाली नहीं अपनाई गई। उम्मीदवारों की संक्षिप्त सूची पूरी तरह उम्मीदवार के मेरिट के आधार पर तथा नार्मलाइजेंशन प्रणाली के आधार पर तैयार की गई। उच्चतम औसत अंक के साथ शिफ्ट का मानक अंतर (एसटी) इस प्रणाली के लिए आधार माना गया है। इस प्रणाली में शिफ्ट के लिए मानक अंतर को बढ़ाकर एस2 किया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि वर्ष 2000 से आयोजित रेलवे भर्ती बोर्ड की सभी परीक्षाओं/ कम्प्यूटर आधारित परीक्षा में यह प्रणाली अपनाई गई है। यह कोई असामान्य बात नहीं कि इस प्रणाली पर उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंक परीक्षा पत्र के कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड की पूर्व परीक्षाओं में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां उम्मीदवारों के नार्मलाइज्ड अंक कुल अंकों से अधिक थे।

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