न्यायालय ने 2 नवंबर को सभी उत्तर पुस्तिकाओं के किसी पूर्व न्यायाधिश से पुनर्मुल्यांकण कराने को कहा था।
नईदिल्ली। साल 2014 में संपन्न हुए दिल्ली न्यायिक सेवा में 15 सफल अभ्यर्थियों का चयन बरकरार रहेगा। उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश देते हुए कहा कि दूसरे परीक्षार्थियों की सफल अभ्यर्थियों का चयन बरकरार रहेगा साथ ही कोर्ट ने उत्तर पुस्तिकाओं की फिर से जांच के बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से जवाब मांगा है।
पीठ ने सुझाव दिया था कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से सारे मामले में गौर करने का अनुरोध किया जा सकता है। पीठ ने कहा था कि इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नहीं हटाया जाएगा और न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति सिर्फ इस पहलू पर गौर करेगी कि क्या और उपयुक्त अभ्यर्थियों का चयन किया जा सकता है। न्यायालय ने 2 नवंबर को सभी उत्तर पुस्तिकाओं के किसी पूर्व न्यायाधिश से पुनर्मुल्यांकण कराने को कहा था। याचिका दायर करने वाले संगठन के वकील प्रशांत भूषण का कहना था कि इस सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में 9033 छात्रों ने हिस्सा लिया था जिसमें से 659 छात्र पिछले साल 10 और 11 अक्टूबर को संपन्न मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे।
संगठन का दावा है कि मुख्य परीक्षा के परिणाम करीब आठ महीने बाद एक मई, 2015 को घोषित किए गए जिसमें 80 रिक्त पदों के लिए साक्षात्कार हेतु सिर्फ 15 छात्रों का ही चयन किया गया।