मार्क्स घोषित नहीं किए
हालांकि एनटीए ने स्टूडेंट्स के मार्क्स घोषित नहीं किए हैं, लेकिन ओएमआर शीट जारी करने के बाद से ही स्टूडेंट्स अपने मार्क्स सही किए हैं, लेकिन उनकी परसेंटाइल स्कोर कम है। एक्सपट्र्स के अनुसार, एनटीए ने नॉर्मलाइजेशन को स्पष्ट नहीं किया है। साथ ही स्टूडेंट्स को कई सवालों में गफलत हुई थी, लेकिन उसके बारे में क्लैरिटी नहीं दिखी।
मैंने 12 जनवरी को एग्जाम दिया था। पेपर ओवरऑल मॉडरेट था। एक सवाल का चैलेंज भी भेजा था। आदित्य का कहना है कि 15 दिनों में एक्यूरेसी की प्रेक्ट्सि की। साथ ही 2009 के बाद के पेपर्स से मदद मिली। पिता डॉ. लोकेन्द्र एसएमएस में प्रोफेसर और मां बीना कालाडेरा कॉलेज में प्रोफेसर हैं।
– आदित्य
11 जनवरी को मॉर्निंग शिफ्ट में एग्जाम दिया। JEE Main में NCERT से अच्छा स्कोर कर सकते हैं। साथ ही बेसिक कॉन्सेप्ट पता होने चाहिए। मुझे एनटीए के ऑनलाइन प्रेक्टिस पेपर्स का फायदा मिला। मैं दो सवाल चैलेंज करना चाहता था, जिसका कोई भी आंसर सही नहीं था, लेकिन एनटीए ने इसे क्लेम करने का ऑप्शन ही नहीं दिया। पिता गोविंद बिजनेसमैन और मां उर्मिला हाउसवाइफ हैं।
– निर्मल अग्रवाल
10 जनवरी को पहली शिफ्ट में एग्जाम था। मैंने दो सवालों को चैलेंज किया था। NCERT के एक्सट्रा टॉपिक्स की भी प्रिपरेशन की थी, जिसका मुझे फायदा मिला। पिता बी. के. गुप्ता सचिवालय में ओएसडी और अंजू मित्तल गवर्नमेंट लेक्चरार हैं।
– गौरव कृष्ण गुप्ता
मैंने 12 जनवरी को मॉर्निंग शिफ्ट का एग्जाम दिया था। पेपर का लेवल आसान था। फ्रैंड्स से एग्जाम का पैटर्न पता चला तो टॉपिक्स का आइडिया लग गया। साथ ही पिछले साल के पेपर टाइमर लगाकर हल किए। पिता डॉ. मुकेश मित्तल एसएमएस और डॉ. स्वाति बंसल जनाना हॉस्पिटल में कार्यरत हैं।
– माधव मित्तल