कॉपियां आॅनलाइन
इसमें सबसे खास बात ये है रिजल्ट आते ही बच्चों की कॉपियां कर दी जाएंगी ऑनलाइन इसका मतलब छात्र अपनी कॉपियां भी देखकर चेक कर सकेंगे कि उन्होंने क्या सही और क्या गलत किया। यूपी बोर्ड की इन परीक्षाओं में 66,37,018 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड थे। इनमें हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 36,55,691 और इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 29,81,327 थी। जबकि करीब 12 लाख छात्र परीक्षा छोड़कर फेल-पास की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं। इस वजह से इस बार रिजल्ट में 55 लाख छात्र-छात्राओं का ही आया है।
पहली बार अप्रैल में रिजल्ट
यूपी बोर्ड भारत का सबसे बड़ा बोर्ड है, जिसमें लगभग 66 लाख छात्र हर साल परीक्षा देते हैं। इस साल कक्षा 12 की परीक्षा के लिए 29,81,327 और 36,55,691 छात्र कक्षा 10 की परीक्षा के लिए पंजीकृत थे।
पहली बार 11 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा में बैठेने से इनकार किया। जिनमें 75% छात्र बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के हैं।
इस साल परीक्षा को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भारी संख्या में परीक्षा स्थलों पर तैनात किया था। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे।
पहली बार टॉपर्स की आंसरशीट ऑनलाइन अपलोड की जा रही है।
पिछले साल 10 वीं कक्षा का 81.18 और 12 वीं कक्षा का पासिंग परसेंटेज 82.62 था।
पहली बार ऐसा हुआ कि उत्तर प्रदेश बोर्ड ने रिजल्ट अप्रैल में घोषित किए हैं। इससे पहले हर साल मई में घोषित किए जाते थे।