दुर्ग की अंकिता ने कहा कि उन्हें 203वां रैंक हासिल हुआ है। उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में बतौर अधिकारी जवाबदारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी मां सविता शर्मा ने उन्हें कहा था, तुझे बड़ी होकर किरण बेदी बनना है।
अंकिता ने बताया कि उनके पिता राकेश शर्मा समाजसेवी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शादी हो जाने की वजह से घर और अपना मिशन यूपीएससी दोनों संभालना होता था। पति विवेक आर्मी में कैप्टन हैं, वह अंकिता को सहयोग देते रहे हैं। अंकिता पति विवेक के साथ जम्मू में रहती हैं, विवेक पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं।
वहीं अनुदीप डूरीशेट्टी ने अपनी कामयाबी पर कहा, मैं जितनी ज्यादा मेहनत करता हूं मेरी किस्मत और बेहतर होती चली जाती है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, यूपीएससी के लिए इतनी जबरदस्त तैयारी की कि मुझे किस्मत ने लकी बना ही दिया। कामयाबी के लिए कड़ी मेहनत के सिवा और कोई उपाय नहीं है।
वहीं, सरगुजा के मानपुर गांव से यूपीएससी में 179वीं रैंक हासिल करने वाले उमेश प्रसाद गुप्ता ने कहा, सफलता के लिए कोई कोचिंग नहीं, बल्कि अपनी मेहनत ही इकलौता रास्ता है।
मैं खुश हूं, मेरा परिवार खुश है और मैं थैंक्स देना चाहता हूं रोहित यादव सर (तत्कालीन कलेक्टर) को। उमेश ने कहा कि जो रैंक हासिल हुई है, वह उन्हें आईपीएस बना देगी, लेकिन वह आईपीएस ज्वाइन नहीं करना चाहते, उनकी पसंद आईआरएस है।
उमेश ने आइआईटी बीएचयू से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की और कोल इंडिया में कैंपस सलेक्शन हुआ, पर उसके बाद यूपीएससी में ऑल इंडिया इंजीनियरिंग सर्विस की परिक्षा उमेश ने दी और रेलवे में सलेक्शन हो गया।
उमेश के पिता रामसेवक गुप्ता एसईसीएल में पंप ऑपरेटर हैं, जबकि मां गृहिणी है, दीदी उषा गुप्ता शिक्षाकर्मी हैं, जबकि छोटा भाई एनआईटी-रायपुर से एमटेक कर रहा है।