दरअसल त्योंथर तहसील के सोनौरी गौशाला का यह पूरा मामला है। यहां पर आवार जानवरों को रखने के लिए गौशाला बनवाई गई है जिसकी क्षमता से 200 की है। स्थानीय समाजसेवी कमांडो अरुण गौतम ने स्थानीय लोगो की मदद से गांवों में घूमने वाले बड़ी संख्या में आवारा जानवरों को एकत्र कर उनको गौशाला में रख दिया गया है। करीब दस हजार जानवर यहां पर रख दिये गये है जिससे गौशाला की व्यवस्था चरमरा गई है। मामला संज्ञान में आते ही पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा सहित सोनौरी चौकी की पुलिस गांव पहुंची थी और गौशाला में क्षमता से अधिक जानवर मौजूद मिले।
दरअसल ये जानवर रात के समय किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते है जिसको देखते हुए लोगों ने इनको एकत्र कर गौशाला में रखवाया है लेकिन एक स्थान पर इतनी अधिक संख्या में गौवंशों की मौजूदगी उनकी मौत का कारण भी बन सकती है जिसको लेकर प्रशासन परेशान है। इन जानवरों को यहां रखवाने वाले कमांडों अरुण गौतम व एसडीएम त्योंथर के बीच हुई बातचीत का एक आईडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें एसडीएम उनको क्षमता से अधिक रखे गए जानवरों को रिलीज करवाने की हिदायत दे रहे है।
इससे पूर्व त्योंथर तहसील के बसहट गांव में क्षमता से अधिक मवेशियों को रखने की वजह से दर्जन भर से अधिक मवेशियों की मौत हो गई थी जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। प्रशासन इस घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सोनौरी गौशाला में क्षमता से अधिक संख्या में भरे गए मवेशियों को बाहर निकलवाने का प्रयास कर रहा है ताकि बसहट जैसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए।
दरअसल उक्त गौशाला में इतनी बड़ी संख्या में जानवरों को रखने की व्यवस्था नहीं है। उनके लिए छाया नहीं है जिससे सभी जानवर खुले आसमान के नीचे बैठे हुए है और ठंड से उनकी मौत हो सकती है। हालांकि अभी भूसा व चारे की व्यवस्था स्थानीय लोग करवा रहे है लेकिन यह कितने दिन रहेगी इसका ठिकाना नहीं है। यही कारण है कि जानवरों की मौत को लेकर प्रशासन भी परेशान है।
सोनौरी गौशाला में क्षमता से अधिक जानवरों को स्थानीय लोगों ने रख दिया है। गौशाला की क्षमता 200 जानवरों की है। नायब तहसीलदार मौके पर गए थे। कल मैं खुद मौके पर जाऊंगा और क्षमता से अधिक जानवरों को गौशाला से रिलीज करवाया जायेगा ताकि वे किसी घटना का शिकार न हो जाये।
संजीव पाण्डेय, एसडीएम त्योंथर