पीडि़ता सरोज ने मदद के लिए प्रधानमंत्री को 7 बार एवं राष्ट्रपति को 4 बार और मुख्यमंत्री को 100 बार पत्र लिख चुकी हैं। इसके बावजूद उन्हें अब तक न तो अनुग्रह राशि नहीं मिली है और न ही अन्य तरह की कोई मदद। इससे दुखी होकर उन्होंने मुख्यमंत्री पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है, कहा कि ग्वालियर में शहीद रामावतार लोधी के घर जाकर एक करोड़ की आर्थिक सहायता दी है। लेकिन उनको एक रुपया नहीं मिला है।
ब्लैक लिस्ट में डाल रहे शिकायत
सरोज ने दु:खी मन से बताया कि सरकार उनके आवेदन को ब्लैक लिस्ट में डाल रही है। सीएम हेल्पलाइन एवं रीवा कलेक्टर ने भी उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। प्रदेश की भाजपा सरकार शहीद के परिवार के साथ कोई सहानुभुति नहीं रख रही है। इस प्रकार प्रदेश की सरकार उनका अपमान कर रही है। उन्होंने बताया कि सभी से फरियाद किया, कोई सुनवार्ई नहीं हुई। अब किससे आस रखें।
सरोज ने दु:खी मन से बताया कि सरकार उनके आवेदन को ब्लैक लिस्ट में डाल रही है। सीएम हेल्पलाइन एवं रीवा कलेक्टर ने भी उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। प्रदेश की भाजपा सरकार शहीद के परिवार के साथ कोई सहानुभुति नहीं रख रही है। इस प्रकार प्रदेश की सरकार उनका अपमान कर रही है। उन्होंने बताया कि सभी से फरियाद किया, कोई सुनवार्ई नहीं हुई। अब किससे आस रखें।
स्थानीय मंत्री ने लिखा सीएम को पत्र
मप्र के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी शहीद की पत्नी की फरियाद पर केवल संवेदना जताई। उन्होंने उनको सहायता दिलाने के लिए सीएम को पत्र लिखकर औपचारिकता पूरी कर दी है। जबकि पीडि़ता ने स्थानीय मंत्री शुक्ल से दर्जनों बार मिलकर आवेदन दिया है। सरोज ने कहा कि यदि स्थानीय मंत्री चाहते तो उनको भटकना नहीं पड़ता।