सौर परियोजना रीवा जिले में 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है। यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइट सौर संयंत्रों में से एक है। परियोजना से उत्पादित विद्युत का 76 प्रतिशत अंश प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी को और 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को प्रदान किया जा रहा है। इस परियोजना से प्रथम बार ऑपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यावसायिक संस्थान दिल्ली मेट्रो को बिजली प्रदान की गई। आंतरिक ग्रिड समायोजन के लिए वर्ल्ड बैंक से ऋ ण प्राप्त करने वाली यह देश की पहली परियोजना है। विश्व बैंक का ऋ ण राज्य शासन की गारंटी के बिना और क्लिन टेक्नॉलिजी फंड के अंतर्गत सस्ती दरों पर दिया गया है।
इस अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना की कुल क्षमता 750 मेगावाट है। इसमें पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन हो रहा है। यह विश्व की बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के लिए रीवा जिले की गुढ़ तहसील में 1270.13 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि एवं 335.7 हेक्टेयर निजी भूमि उपलब्ध कराई गई है। इस परियोजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा विकास निगम तथा भारत सरकार की संस्था सोल एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त वेंचर कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। परियोजना की कुल लागत 4500 करोड़ रुपये है। यह देश का एकमात्र सोलर पार्क है।
बता दें कि सौर परियोजना के लिए मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की ज्वाइंट वेंचर कंपनी के रूप में रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड कंपनी का गठन किया गया। इस परियोजना को राज्य स्तर पर नवाचार के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में चयनित किया गया। इस परियोजना में उत्पादित विद्युत का न्यूनतम टैरिफ 2 रुपये 97 पैसे यूनिट था, जो समकालीन परियोजनाओं से प्राप्त टैरिफ साढ़े चार से पांच रुपये प्रति यूनिट की तुलना में डेढ़ से दो रुपये तक कम था।
अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियों कांफ्रेंसिंग से लोकापर्ण किया। है। यह प्लांट पूरी तरह से तैयार है और बिजली का पूरा उत्पादन हो रहा है।-एसएस गौतम, कार्यपालन यंत्री ऊर्जा विकास निगम।