scriptपुलिस विभाग में 170 साल बाद रुका अंग्रेजों के जमाने की थ्री नॉट थ्री रायफल का सफर | 170 years after the police department stops 3-N0t 3 Rifle journey | Patrika News

पुलिस विभाग में 170 साल बाद रुका अंग्रेजों के जमाने की थ्री नॉट थ्री रायफल का सफर

locationरीवाPublished: Jun 21, 2018 12:51:07 pm

Submitted by:

Mahesh Singh

पुलिस के कंधों की शोभा बढ़ा रही इंसास रायफलें, खूबियों को लेकर पुलिसकर्मियों की थी पसंदीदा

170 years after the police department stops 3-N0t 3 Rifle journey

170 years after the police department stops 3-N0t 3 Rifle journey

रीवा. पुलिस विभाग का सालों तक साथ निभाने वाली थ्री नॉट थ्री रायफल का सफर अब लगभग थम गया है। उसकी जगह अब आधुनिक रायफल पुलिस के कंधों की शोभा बढ़ा रही है। आने वाले समय में यह रायफल पूरी तरह से पुलिस विभाग से हट जायेगी। जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग में थ्री नॉट थ्री रायफल का सफर लगभग 170 साल पुराना है। अंग्रेजों के जमाने से इस रायफल का उपयोग हो रहा था। 1857 में यह रायफल पुलिस के पास आई थी जब अंग्रेज युद्ध में इसका उपयोग करते थे। रायफल में कई खूबियां थी जिसकी वजह से स्वतंत्रता के बाद भी इसे नहीं हटाया गया और लगातार पुलिस विभाग इसका उपयोग करता रहा है।
अब उक्त रायफल की जगह अत्याधुनिक इंसास रायफल पुलिस विभाग को दी गई है। हालांकि इस रायफल में कई ऐसी खूबियां थी जो इतने सालों तक पुलिस की पसंदीदा रही है लेकिन आधुनिक रायफलों के आ जाने के बाद अब इसका उपयोग समाप्त हो चुका है। अब पुलिसकर्मियों के कंधों पर विरले ही थ्री नॉट थ्री रायफल नजर आती है। विभाग की माने तो आने वाले कुछ सालों में यह पूरी तरह से हट जायेगी।

परेड में ही होता है इस्तेमाल
इस समय थ्री नॉट थ्री रायफल का उपयोग सिर्फ नाममात्र के लिए बचा है। परेड के अलावा फायरिंग की प्रेक्ट्सि में ही इसका इस्तेमाल होता है। अपनी खूबियों के कारण आज भी पुलिसकर्मियों को इसी रायफल से प्रेक्टिïस कराई जाती है। इसके अलावा थानों में उक्त रायफल का कोई उपयोग नहीं बचा है।

किन खामियों की वजह से हटाई गई रायफल
थ्री नॉट थ्री रायफल में कई खामियां थी जिसकी वजह से उसको हटाया गया है। काफी पुरानी होने की वजह से रायफल के पार्ट घिस गये थे जो चलने में समस्या उत्पन्न कर रहे थे। इनकी मरम्मत में भी काफी दिक्कतें आ रही थी। इसके अलावा रायफल का वजन दस किलो था जिसे पकडक़र फायर करने व पहाड़ों में लेकर चलने में दिक्कत होती थी। यह रायफल एक बार में सिर्फ एक फायर करती थी और उसके बाद दूसरे फायर के लिए खोखा निकालकर दूसरा कारतूस लगाना पड़ता था। फायरिंग के समय गोली करीब दस टन के वजन से निकलती थी। ऐसे में फायरिंग करने वाले को काफी झटका लगता था।

क्या-क्या थी खूबियां
1- थ्री नॉट थ्री रायफल का निशाना अचूक था। इसकी मारक क्षमता इतनी बेहतर थी कि निशाना चूकने की संभावना कम रहती थी। यही कारण है कि पे्रक्ट्सि के समय अभी भी इसका उपयोग होता है।
2- यदि गोली लगने के बजाय शरीर को छूते हुए भी निकल गई तो वह काफी नुकसान पहुंचाती थी।
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थ्री नॉट थ्री रायफल धीरे-धीरे हट रही है और उनकी जगह इंसास रायफलें दी जा रही है। प्रेक्ट्सि और परेड में अभी भी इस रायफल का उपयोग होता है। रायफल के पार्ट में खराबी की वजह से उनको हटाया गया है।
जेपी आर्या, आरआई पुलिस लाइन
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