परेड में ही होता है इस्तेमाल
इस समय थ्री नॉट थ्री रायफल का उपयोग सिर्फ नाममात्र के लिए बचा है। परेड के अलावा फायरिंग की प्रेक्ट्सि में ही इसका इस्तेमाल होता है। अपनी खूबियों के कारण आज भी पुलिसकर्मियों को इसी रायफल से प्रेक्टिïस कराई जाती है। इसके अलावा थानों में उक्त रायफल का कोई उपयोग नहीं बचा है।
किन खामियों की वजह से हटाई गई रायफल
थ्री नॉट थ्री रायफल में कई खामियां थी जिसकी वजह से उसको हटाया गया है। काफी पुरानी होने की वजह से रायफल के पार्ट घिस गये थे जो चलने में समस्या उत्पन्न कर रहे थे। इनकी मरम्मत में भी काफी दिक्कतें आ रही थी। इसके अलावा रायफल का वजन दस किलो था जिसे पकडक़र फायर करने व पहाड़ों में लेकर चलने में दिक्कत होती थी। यह रायफल एक बार में सिर्फ एक फायर करती थी और उसके बाद दूसरे फायर के लिए खोखा निकालकर दूसरा कारतूस लगाना पड़ता था। फायरिंग के समय गोली करीब दस टन के वजन से निकलती थी। ऐसे में फायरिंग करने वाले को काफी झटका लगता था।
क्या-क्या थी खूबियां
1- थ्री नॉट थ्री रायफल का निशाना अचूक था। इसकी मारक क्षमता इतनी बेहतर थी कि निशाना चूकने की संभावना कम रहती थी। यही कारण है कि पे्रक्ट्सि के समय अभी भी इसका उपयोग होता है।
2- यदि गोली लगने के बजाय शरीर को छूते हुए भी निकल गई तो वह काफी नुकसान पहुंचाती थी।
थ्री नॉट थ्री रायफल धीरे-धीरे हट रही है और उनकी जगह इंसास रायफलें दी जा रही है। प्रेक्ट्सि और परेड में अभी भी इस रायफल का उपयोग होता है। रायफल के पार्ट में खराबी की वजह से उनको हटाया गया है।
जेपी आर्या, आरआई पुलिस लाइन