रीवा। आम चुनाव निष्पक्ष कराने आयोग ने अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इस पर आबकारी ने आचार संहिता प्रभावशील होने के 42 दिनों 201 आरोपियों को अवैध शराब बेचते गिरफ्तार किया। साथ अवैध शराब के 270 मामले दर्ज किया है। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इन मामलों आबकारी विभाग ने किसी भी शराब ठेकेदारों को आरोपी नहीं बनाया है। यहां तक यह जानकारी नहीं लगा पाए कि यह अवैध शराब कहां से आरोपियों को मिली है। ऐसे कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है।
बताया जा रहा है कि 10 मई में आबकारी विभाग ने 22 अप्रेल तक 2411 लीटर अवैध शराब पकड़ी है। इनमें 980.96 लीटर देशी शराब एवं 1457 लीटर कच्ची शराब शामिल है। इसके अतिरिक्त 49 लीटर विदेशी शराब एवं 3.9 बीयर पकड़ी है। इस शराब की बाजार कीमत लगगभ 6 लाख 88 हजार रुपए बताई जा रही है। इन अवैध शराब बिक्री के मामले 201 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इन आरोपियों को शराब कहां से विक्रय के लिए मिली है। इस पर आबकारी विभाग ने जोर नहीं दिया। जबकि पकड़ी गई देशी शराब में किन ठेकेदारों को यह आवंटित की गई है उनका स्पष्ट उल्लेख रहता है। इसके बावजूद शराब ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है।
बताया जा रहा है कि 10 मई में आबकारी विभाग ने 22 अप्रेल तक 2411 लीटर अवैध शराब पकड़ी है। इनमें 980.96 लीटर देशी शराब एवं 1457 लीटर कच्ची शराब शामिल है। इसके अतिरिक्त 49 लीटर विदेशी शराब एवं 3.9 बीयर पकड़ी है। इस शराब की बाजार कीमत लगगभ 6 लाख 88 हजार रुपए बताई जा रही है। इन अवैध शराब बिक्री के मामले 201 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इन आरोपियों को शराब कहां से विक्रय के लिए मिली है। इस पर आबकारी विभाग ने जोर नहीं दिया। जबकि पकड़ी गई देशी शराब में किन ठेकेदारों को यह आवंटित की गई है उनका स्पष्ट उल्लेख रहता है। इसके बावजूद शराब ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है।
शराब ठेकेदारों के संरक्षण में पैकारी
बताया जा रहा है कि शराब ठेकेदारों की संरक्षण में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अवैध पैकारिया चल रही है। स्थानीय ठेकेदारों द्वारा शराब की पैकारियों नहीं चलने पर बाहर से लाकर शराब बेचते है । इस नुकसान को बचाने के लिए स्थानीय ठेकेदार भी पैकारियां चलाकर शराब बिक्री करवाते है।
नियम रास्ते का रोड़ा
आबकारी विभाग के माने तो आरोपियों के पास से अधिकांश शराब की मात्रा काफी कम मात्रा में मिलती है। यही कारण है कि वह ठेकेदारा पर कार्रवाई नहीं कर पाते है। चूकि शराब विक्री के लिए ठेकेदार को लायसेंस मिला है। इससे वाकिफ पैकारी चलाने उतनी ही शराब देते है जिससे उन आंच न आए।
बताया जा रहा है कि शराब ठेकेदारों की संरक्षण में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अवैध पैकारिया चल रही है। स्थानीय ठेकेदारों द्वारा शराब की पैकारियों नहीं चलने पर बाहर से लाकर शराब बेचते है । इस नुकसान को बचाने के लिए स्थानीय ठेकेदार भी पैकारियां चलाकर शराब बिक्री करवाते है।
नियम रास्ते का रोड़ा
आबकारी विभाग के माने तो आरोपियों के पास से अधिकांश शराब की मात्रा काफी कम मात्रा में मिलती है। यही कारण है कि वह ठेकेदारा पर कार्रवाई नहीं कर पाते है। चूकि शराब विक्री के लिए ठेकेदार को लायसेंस मिला है। इससे वाकिफ पैकारी चलाने उतनी ही शराब देते है जिससे उन आंच न आए।