script

मौत के साये में गुजरे 55 दिन, नशीली चाय पिलाकर रखते थे बेहोश, जानिए कैसी यातना देते थे अपहरणकर्ता

locationरीवाPublished: Sep 09, 2018 08:47:39 pm

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

खाने में देते थे सिर्फ एक रोटी, शारीरिक दृष्टि से कमजोर हुआ युवक

55 days in the shadow of death, know how to torture the kidnapper

55 days in the shadow of death, know how to torture the kidnapper

रीवा। अपहरणकर्ताओं के चंगुल मेंं 55 दिन तक रहने वाले सीधी के युवा व्यवसायी संत बहादुर सिंह की हालत काफी खराब है। बदमाश उन्हें सिर्फ इतना खाना देते थे कि जिंदा रह सके। पुलिस के हाथ जब लगे तो हालत काफी खराब थी और शारीरिक दृष्टि से भी युवक काफी कमजोर हो गया है।
23 जुलाई को अपहरण किया था
गुढ रोड से संत बहादुर सिंह का बदमाशो ने 23 जुलाई को अपहरण किया था। पुलिस ने 55 दिन बाद बिहार के मुजफ्फरपुर से बरामद किया। पुलिस ने अन्र्तराज्जीय बदमाश बलिंदर सिंह औरंगाबाद सहित उसके गिरोह के चार पांच को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में युवक ने दहशत के उन 55 दिनों के बारे में जब पुलिस को बताया तो सुनने वालों को रोंगटे खड़े हो गए। अपहरण के बाद संतबहादुर को सीधे मुजफ्फरपुर ले जाया गया था जहां उसे खालिद मियां के घर में रखा गया था। आरोपी युवक को सिर्फ खाने के लिए एक रोटी देते थे जिससे शरीर में भागने के लिए ऊर्जा न रहे। उसे चाय में नशीली दवा मिलाकर पिला देते थे जिससे अधिकतर समय युवक बेहोश ही रहता था। जिस कमरे में उसको रखा गया था उसमें अधिकांश समय अंधेरा ही रहता था। अपहरणकर्ता हर समय युवक की निगरानी करते थे। रात में कोई न कोई जागता रहता था जो युवक को पहरा देता था। आरोपी युवक को धमकाते थे और पुलिस को गालियां दिया करते थे। अपहरणकर्ताओं ने इतनी सटीक प्लानिंग की थी कि उन्हें पुलिस को चकमा देने का पूरा विश्वास था। खुद युवक से भी उन्होंने बोला कि पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। युवक की स्थिति ज्यादा बात करने की नहीं थी जिससे पुलिस ने उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की। उक्त युवक लेकर रविवार की सांयकाल पुलिस रीवा के लिए रवाना हो गई है जो सोमवार की सुबह तक रीवा पहुंच जायेगी।
फिरौती की रकम जुटाने के लिए बेची जमीन, लोगों से लिया कर्ज
अपहरणकर्ताओं के लिए फिरौती की रकम जुटाने के लिए परिवार ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। परिजनों ने जमीन बेची और घर तक को गिरवी रख दिया। यहां तक कि लोगों से कर्ज लेकर बड़ी मुश्किल से अपहरणकर्ताओं को देने के लिए 40 लाख रुपए जुटाये थे। पूरे परिवार की रातों की नींद और दिन का चैन ***** हो गया था। घर के इकलौते चिराग को वापस लाने के लिए परिवार ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।
अस्पताल से भागने के मामले में कई लोगों की हो सकती है गिरफ्तारी
शातिर बदमाश बलिंदर सिंह के अस्पताल से भागने के मामले मेंं कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। उसका अस्पताल से भागना संयोग नहीं था बल्कि योजनाबद्ध तरीके से वह अस्पताल से भागा था। उसको भगाने में कई लोगों का हाथ हो सकता था। अस्पताल से जब बदमाश भागा था तो उसको लेने के लिए एक आरोपी बाइक से आया था। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अब उसकी मदद करने वाले भी धीरे-धीरे भूमिगत होने लगे हैं।
बदमाशों की बिछाई बिसात में घूमती रही पुलिस
इस अपहरण कांड में आरंभ से ही पुलिस बदमाशों की बिछाई बिसात में घूमती रही। युवक को मुजफ्फरपुर में छिपाने के बाद अपहरणकर्ता पुलिस को गुमराह करने के लिए अलग-अलग जिलों व प्रांत से फोन लगाते थे। अपहरणकर्ताओं ने एमपी, यूपी व बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रांतों के जिलों से फोन लगाया था। पुलिस इन अपहरणकर्ताओं के पीछे दौड़ती रही और गुमराह होती रही। पुलिस बाद में गोपनीय तरीके से अपहरणकर्ताओं के बारे में जानकारी जुटाने में लग गई। अपहरणकर्ता इसीलिए अलग-अलग जगहों से फोन लगाते थे ताकि पुलिस उनका स्थायी लोकेशन टे्रस न कर पाये। फिरौती की रकम लेने के लिए परिजनों को दूसरे जिले में बुलाया था।

ट्रेंडिंग वीडियो