जिला पंचायत सदस्य ने बताया कि जैसे ही कलेक्टर ने मेरे लेटरपैड में भाजपा का सेंबल कमल का फूल देखा तो भड़क उठे और कहा कि कमल के फूल वालों की शिकायत मैं नहीं सुनता, आप अपनी शिकायतें संगठन के पास जाकर करो। मैंने कहा कि मेरी शिकायतों की जांच व कार्रवाई के लिए निर्देश आप नहीं देंगे तब तक मैं यहां से बाहर नहीं जाऊंगी। इतने में वह गार्ड को बुलाकर मुझे बाहर करने के लिए आदेशित किया, जिससे मैं स्वयं कलेक्टर के चेंबर से बाहर चली आई। ऊषा गोपाल पटेल ने कहा कि किसी प्रशासनिक अधिकारी को महिला जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए वो भी तब जब वह क्षेत्रीय समस्याओं की बात लेकर उनके पास गई हो। जिला पंचायत सदस्य पटेल ने कहा कि कलेक्टर के इस व्यवहार से मैं काफी व्यथित हूं और इसकी शिकायत भाजपा संगठन के जिलाध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के पास की जाएगी।
जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह ने कहा कि वो माननीय जनप्रतिनिधि हैं, कोई भी जनप्रतिनिधि हो, उनको बात रखने का अधिकार है, कई जनप्रतिनिधि किसी बात से नाराज भी हो सकता है, यह स्वभाविक सी बात है। उनका आवेदन मैंने लिया, वो थोड़ा सा नाराज भी हुईं, उनको दोबारा बुलाया, उनकी बात भी सुनी, और कहा की आपके आवेदन पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। एसडीएम और माइनिंग अफसर को समक्ष में बुलाकर आदेश दिए गए कि यदि इस प्रकार की शिकायत सत्य पाई जाती है तो कार्रवाई करें। उनकी दूसरी शिकायत थी कि उनके क्षेत्र की जो धनराशि है वह वर्षों से जारी नहीं हुई, इसके लिए भी मैंने आदेश दिए हैं कि जो उनके क्षेत्र की धनराशि जारी नहीं हुई हो वह जारी की जाए। अब उनकी किस बात पर नाराजगी है मैं नहीं कह सकता, लेकिन जो उनकी शिकायत थी उस पर हम पूरी तरीके से नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। वो मेरे चेंबर में दो बार आईं और दोनों बार मैंने उन्हे ठीक तरीके से बिठाया और अच्छे से बात भी की। और अब वो जो बात कर रही हैं वो क्यों कर रही हैं वो जाने, लेकिन मैं उनके आवेदन को रिसीव भी किया और ठीक तरीके से कार्रवाई भी कर रहा हूं। अगर उनको किसी बात से तकलीफ पहुंची है तो मैं उनसे पुन: भी बात करने को तैयार हूं, और कहीं भी बात करने को तैयार हूं।