प्लेटफार्म व टे्रनों की साफ-सफाई के लिए काम कर रही अरुण इंटरप्राइजेज का निरीक्षण किया है। निरीक्षण में तीन कर्मचारी कम मिले। इस पर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि वह कुछ कारणों से अनुपस्थित है। इसके निरीक्षण के दौरान फसर््ट-एड बाक्स जैसी सुविधा नहीं मिली। इसके स्थान में एक डिब्बे में कुछ दवाइयां व पट्टी मिली। इस पर टीम ने कड़ी आपत्ति जताई है।
बताया जा रहा है कि निरीक्षण के दौरान पार्सल ऑफिस में गड़बड़ी मिली है। अधिक लगेज को कम करके बुक किया गया है। टीम इस संबंध में जांच के दौरान मिले अभिलेख के आधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके अतिरिक्त रेलवे स्टेशन में पदस्थ कर्मचारियों एवं उनके कामों की जानकारी भी ली गई है। इससे पीछे उद्देश्य था कि पदस्थ कर्मचारियों को काम है कि नहीं है। दरअसल आर्थिक तंगी से जूझ रहे रेलवे कर्मचारियों पर सबसे अधिक खर्च हो रहा है।
रेलवे में पिछले आठ महीने से लगातार लगेज बुकिंग कम हो रही है। वहीं खर्चे में कोई कटौती नहीं है। स्थिति यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में २ प्रतिशत लगेज की बुकिंग घटी है। जबकि १४ प्रतिशत अधिक का लक्ष्य था। लॉगेज का गिरता अनुपात देखकर इसके कारणों का पता लगाने के लिए यह टीम भेजी गई है।
रेलवे स्टेशन एवं प्लेटफार्म में सफाई की व्यवस्था तो ठीक मिली, लेकिन ट्रेनों की सफाई व्यवस्था ठीक नहीं मिली। जबकि सफाई निजी हाथों में सौंपने के बाद तीन कोच के लिए एक व्यक्ति रखने के हिसाब से पैसा दे रहे है। इसमें दो घंटे में टायॅलेट की सफाई एवं तीन बार पूरे प्लेटफार्म व परिसर की सफाई करना है। यहां तक कि प्लेटफार्म पर जानवर दिखाई देने सफाईकर्मी से पैसा वसूलना है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।