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श्रमिक परिवारों को प्रशासन एवं व्यापारियों ने वितरित कराया भोजन

locationरीवाPublished: Apr 07, 2020 08:48:21 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– नगर निगम के अधिकारी भी पहुंचे साथ, बाहर से आए श्रमिकों के लिए भोजन का है संकट

rewa

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रीवा। शहर के कई हिस्सों में लॉकडाउन में फंसे श्रमिक परिवारों के सामने भोजन की समस्या बनी हुई है। जिसके चलते प्रशासन एवं व्यापारियों द्वारा करीब सात सौ की संख्या में भोजन के पैकेट बांटे गए। इस दौरान नगर निगम के कई अधिकारी भी मौजूद रहे। विन्ध्य व्यापारी महासंघ द्वारा 700 पैकेट का वितरण करने के दौरान नरेश काली, संदीप गुप्ता, राजकुमार टिलवानी, दीपक गुप्ता, अमित ठारवानी आदि शामिल रहे। यह पैकेट वार्ड 14 कोरियान मोहल्ला में भोजन के पैकेट का वितरण कराया गया। बायपास लिंक रोड के नीचे बाहर से आए कई लोग फंसे हुए थे, जिनके पास भोजन की सामग्री नहीं है। इस वितरण में निगम उपायुक्त एसके पाण्डेय, सम्पत्तिकर अधिकारी अशोक सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी रावेन्द्र सिंह, राजस्व निरीक्षक राजेश सिंह, सुरेन्द्र सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
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करहिया मंडी परिसर की कराई सफाई
रीवा। करहिया मंडी परिसर में इनदिनों सब्जी मंडी लगाई जा रही है। जहां पर सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सोमवार को नगर निगम का फायर ब्रिगेड भेजकर पूरे परिसर की पानी से धुलाई कराई गई है। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा है कि जहां पर भी लोग आवश्यक कार्यों के लिए जमा हो रहे हैं, उन स्थानों पर विशेष रूप से सफाई कराई जा रही है।


एनएसयूआई के छात्रों ने दी सहायता राशि
रीवा। एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने कोरोना राहत के लिए ११ हजार रुपए की सहायता राशि दी है। छात्रों की ओर से रेडक्रास को यह राशि सौंपी गई है। एनएसयूआई के संभागीय समन्वयक अभिषेक तिवारी, रतनेंद्र मिश्र, शुभम तिवारी ने सहयोग राशि देेने के साथ ही कहा है कि कोरोना जैसी आपदा में जरूरतमंदों की सेवा के लिए उनका संगठन हर समय तैयार है। बताया गया है कि संगठन से जुड़े छात्रों की ओर से सहायता राशि एकत्र की जा रही है। जैसे-जैसे राशि आती जाएगी उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा।
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अस्पताल से नहीं मिल रही दवाइयां
कोरोना संक्रमण के चलते सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद की गई थी। अब सरकारी अस्पतालों में कुछ मुख्य बीमारियों के लिए शुरू कर दी गई है। ऐसे में नि:शुल्क दवाओं का स्टाक समाप्त होने की जानकारी मरीजों को दी जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता बृजेन्द्र गौतम ने कहा है कि उन्हें चार दवाएं लिखी गई थी जिसमें से केवल एक ही दी गई है। इसी तरह अन्य मरीजों को भी जानकारी दी जा रही है कि दवाओं का स्टाक समाप्त हो चुका है। प्रशासन से मांगी गई है कि इसकी व्यवस्था बनाई जाए।
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