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गैस सिलेंडर की जांच नहीं कराती एजेंसियां, खतरों से ग्राहक अनजान

locationरीवाPublished: Feb 19, 2020 01:28:29 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

शहर में गैस सिलेंडर रिसने की वजह से हुए धमाकों से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद गैस एजेंसियों की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एजेंसियों की जवाबदेही है कि उपभोक्ताओं के घर पर भेजकर सिलेंडर, गैस चूल्हा, रेग्युलेटर और गैस पाइप की जांच कराएं। शहर में इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

 gas cylinder

Gas cylinders

गैस सिलेंडर की जांच नहीं कराती एजेंसियां, खतरों से ग्राहक अनजान
रीवा. शहर में गैस सिलेंडर रिसने की वजह से हुए धमाकों से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद गैस एजेंसियों की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एजेंसियों की जवाबदेही है कि उपभोक्ताओं के घर पर भेजकर सिलेंडर, गैस चूल्हा, रेग्युलेटर और गैस पाइप की जांच कराएं। शहर में इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस वजह से छोटी कमियों पर भी उपभोक्ता अनजान रहते हैं और हर समय उनके घर पर हादसे की आशंका बनी रहती है।
वर्तमान में जिले में 23 गैस एजेंसिया हैं जो 2 लाख 47 हजार 386 उपभोक्ताओं के घरों में गैस सिलेंडरों सप्लाई करती हैं। इनमें 23 एजेंसी इंइियन ऑयल कॉर्पोरेशन, 6 हिदुस्तान पेट्रोलियम और 3भारत पेट्रोलियम की है। इन सभी पेट्रोलियम कंपनी की एजेंसियों को दो साल में उपभोक्ता के घर जाकर इंपेक्शन करना अनिवार्य है। इसमें एजेंसी के तकनीकी एक्स्पर्ट, गैस चूल्हे, पाइप, रेग्युलेटर व रसोई के वेंटीलेसन की जांच कर रिपोर्ट सौंपते हैं। इसके पीछें मंशा है कि गैस में लगे उपकरण सही हैं और सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं, लेकिन एजेंसी यह इंपेक्शन नहीं करती है जबकि इंपेक्शन नहीं होने पर आपूर्ति रोकने का अधिकार एजेंसियों को है। पेट्रोलियम कंपनी उपभोक्ता को होम डिलेवरी घर तक पहुंचाने का नियम है। इसमें डिलेवरी मैन को उपभोक्ता के सामने सिलेंडर का वजन व लीकेज चेक करना संतुष्ट करना है लेकिन एजेंसी संचालक डिलेवरी एक स्थान से उपभोक्ता को करते हैं। ऐसें में कभी लीकेज सिलेंडरों की जांच नहीं हो पाती है। बाद में उपभोक्ता ने शिकायत की तो उसे बदल देते हैं।
यह है एजेंसी के दायित्व
-गैस कनेक्शन देने के पहले रसोई घर का निरीक्षण रिपोर्ट
-दो साल में इंपेक्शन कर रिपोर्ट देना
-एजेंसी द्वारा दिए उपकरण की समय-समय पर जांच व रिपोर्ट
-उपभोक्ता को सुरक्षा के लिए बीच-बीच जानकारी देने जागरुकता शिविर
-घरों तक सिलेंडर पहुंचा एवं उन्हें चेक करना।
यह है स्थिति
कनेक्शन के दौरान रसोई का निरीक्षण की सिर्फ औपचारिकता निभातें हैं
दस-दस सालों से अनिवार्य इंपेक्शन नहीं कराया हैं
उपभोक्ता को जागरुकता करने कोई विशेष कार्य व शिविर नहीं होते
एजेंसी के उपकरण की जगह बाजार के उपकरण का उपभोक्ता उपयोग करते हैं
सेवा लेने के बावजूद होम डिलवेरी नहीं करते।
एजेंसी संचालकों ने कहा उपभोक्ता नहीं कराते है जांच-
साल में मेंटेटर्री इंनपेक्शन के लिए जांच के लिए ७५ रुपए शुल्क निर्धारित है। यह शुल्क उपभोक्ता को अदा करना है । जिससे उपभोक्ता देने में आनकानी करते है वहीं जांच का विरोध भी करते है। ऐसे में घर के अंदर बिना उपभोक्ता की सहमति नहीं जा सकते है। इसलिए जांच नहीं हो पाती है।
इनसे से टल सकती है दुर्घटना-
हमेशा गैस चूल्हें को सिलेंडर से ऊपर रखे-
सिलेंडर में पाइप व रेग्लेटर चेक करते रहे-
लीकेज होने पर तत्काल एजेंसी को सूचना दे खिडक़ी दरवाजे खोल दे
गैस की गंध आने पर बिजली की बटन व मोबाइल नहीं उठाए
रसोई में सिलेंडर इस स्थान में रखे की लीकेज होने पर गैस बाहर चली जाए
गैस हवा से भारी होती है इसलिए तत्काल माचिस का उपयोग नहीं करे।

अनिवार्य रुप से करानी है जांच
एजेंसियों को इंपेक्शन अनिवार्य रूप से करना है, लेकिन उपभोक्ता के विवाद के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। होम डिलेवरी जैसी समस्याओं के कंपनी के टोल फ्री सुविधा दे रखी है इसमें उपभोक्ता शिकातय करें तो कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश द्विवेदी, सेल्स आफीसर , हिदुंस्तान पेट्रोलिय
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