रीवा और शहडोल संभाग का मुख्य एआरटी सेंटर रीवा में संजय गांधी अस्पताल के परिसर पर बना है। एआरटी सेंटर के लिंक सेंटर सिंगरौली, सीधी, सतना और शहडोल में खोले गए हैं। मरीजों के लिए विशेष कार्ड जारी किए गए हैं। जिन्हें दिखा कर किसी भी सेंटर से दवा ले सकते हैं। लेकिन, दोनों संभाग के एआरटी सेंटरों पर दो माह से पर्याप्त मात्रा में दवाएं नहीं हैं। मैहर तहसील के रुझौड़ी गांव की ग्यारह साल की बेटी का परिवार दवा लेने के लिए रीवा चक्कर लगा रहा है। दवा नहीं मिलने से परिवार भयभीत है।
परिजनों ने बताया कि एक माह से दवा नहीं मिल रही है और न ही जांच की जा रही है। पीडि़त परिवार अफसर और नेताओं को सूचना दिया है कि दवा की खुराक नहीं मिलने के कारण मेरी बेटी तिल-तिल मर रही है। चिकित्सकों ने बताया कि दवा के लिए डब्ल्यूएचओ को आर्डर दिया गया है। अभी तक दवा नहीं आई है।
रीवा संभाग में एआरटी सेंटर और उससे लिंक सेंटरों से साढ़े तीन हजार से ज्यादा मरीजों को दवा के लिए विशेष नंबर के कार्ड जारी किए गए हैं। जिसमें एक से 15 साल के बच्चे शामिल हैं। बच्चों को एक माह की खुराक दी जाती है, लेकिन पर्याप्त दवांए नहीं होने से पूरी खुराक नहीं मिल पा रही है।
एआरटी सेंटर से लिंक सेंटर खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। रीवा में लिंक सेंटर मऊगंज, सेमरिया और नईगढ़ी में खोले जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सेंटर प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि तीनों लिंक सेंटर जल्द खोल दिए जाएंगे।
मरीजों को दवाएं दी जा रही हैं। अभी मैं अवकाश पर हूं, एआरटी सेंटर पर पहुंचने के बाद ही बता पाएंगे की दवाएं है या नहीं। दवा के लिए आर्डर दिया गया है।
डॉ. हरिओम गुप्ता, इंचार्ज, एआरटी सेंटर