scriptइस इंजेक्शन के प्रयोग से एड्स का खतरा | AIDS threat to youth by taking intoxicating injections | Patrika News

इस इंजेक्शन के प्रयोग से एड्स का खतरा

locationरीवाPublished: Jan 12, 2019 10:10:12 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिला एड्स निवारण एवं क्षय नियंत्रण की की समन्वय बैठक में कलेक्टर ने योजनाओं का लाभ दिलाने दिए निर्देश, नियंत्रक ने कहा…जिले में चार हजार से अधिक टीबी रोगी और 125 बच्चे एड्स पीडि़त

AIDS threat to youth by taking intoxicating injections

AIDS threat to youth by taking intoxicating injections


रीवा. जिला एड्स निवारण एवं क्षय नियंत्रण की कलेक्ट्रेट सभागार में समन्वय बैठक आयोजित की गई। अध्यक्षता कर रहे कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि एचआइवी पॉजिटिव पीडि़त व्यक्तियों को हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ देने के लिए जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी कार्य योजना तैयार कर हितग्राहियों को लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि रीवा जिला एड्स रोग के मामले में ए-श्रेणी में माना जाता है। संबंधित चिकित्सा अधिकारी इस रोग के नियंत्रण एवं उपचार की समुचित व्यवस्था करें।
संक्रमित माता-पिता से बच्चों में होता है एड्स
बैठक का संचालन कर रहे जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. बीएल मिश्रा ने बताया कि एचआइवी वायरस से एड्स रोग हो जाता है। मुख्य रूप से एड्स रोग असुरक्षित योन संबंध, असुरक्षित नीडिल एवं सिरींज से कई लोगों का टीकाकरण, युवाओं द्वारा नशे का इंजेक्शन लेने से तथा एचआइवी संक्रमित माता-पिता से बच्चों को यह रोग होता है। जिले में 152 बच्चे पीडि़त हैं। रोकथाम के लिए संजय गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिला अस्पताल में यूनिट स्थापित की गई है। इसके साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं का एचआइवी परीक्षण कराया जाता है। जिले में एकीकृत परामर्श एवं 9 जांच केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
डाट्स की दी गई जानकारी
बैठक के दौरान चिकित्सकों ने बातया कि जिले में लगभग 4 हजार टीबी के रोगी हैं। इस रोग पर डाट्स की दवाओं द्वारा नियंत्रण किया जाता है। टीबी की पहचान बलगम की जांच जांव के साथ ही सीबी नाट मशीन द्वारा की जाती है। डायबिटीज रोगियों को भी टीबी रोग की संभावना बनी रहती है। टीबी रोगियों की पहचान करके पोषण आहार के लिए उनके खाते में प्रतिमाह 500 रुपए दिए जाते हैं। निजी चिकित्सकों ने टीबी का इलाज करने पर एक हजार रुपए मानदेय दिया जाता है।
प्रत्येक महाविद्यालय में रेड रिवन क्लब
प्रत्येक महाविद्यालय में रेड रिवन क्लब संचालित है। छात्रों द्वारा भ्रमण कर 20 से 30 घरों में क्षय रोग की जानकारी दी जाती है। सभी महाविद्यालय में यूनिट स्थापित की गई है। कृषि महाविद्यालय द्वारा टीबी के 6 मरीजों को गोद लेकर पोषण आहार दिया जा रहा है। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर बीके पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पाण्डेय, महाविद्यालयों के प्राचार्य, एनजीओ के प्रतिनिधि सहित अन्य सामाजिक संगठन के सदस्य भी मौजूद रहे।
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