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करोड़ों लोगों का जीवनदाता है विध्यक्षेत्र का अमरकटंक पहाड़

locationरीवाPublished: Apr 26, 2019 01:28:04 pm

Submitted by:

Mahesh Singh

‘ नेचुरल रिसोर्सेज एण्ड एन्वायरॉनमेंन्टल इश्यूज’ विषयक कार्यशाला में ली पौध रोपण की शपथ

Amarkantak Natural Beauty is the lifeline of millions of people

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रीवा. शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय रीवा के वनस्पति शास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित किये जा रहे ‘ नेचुरल रिसोर्सेज एण्ड एन्वायरॉनमेंन्टल इश्यूज ‘ विषयक सात दिवसीय वर्कशाप में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए शास. कन्या महाविद्यालय रीवा के डॉ. मुकेश येंगल ने जैवविविधता के क्षेत्र में विंध्यक्षेत्र को देश का अद्भुत क्षेत्र बताया। कहा कि मध्यभारत में लगभग 7 करोड़ लोगों का जीवन प्रदाता है विध्यक्षेत्र का अमरकटंक पहाड़ जो मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे प्रदेश को पानीदार बनाने में अमूल्य योगदान दे रहा है। कार्यशाला की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ संजीव दुबे ने की।
प्रदूषण का निदान सोचना होगा
डॉ येंगल ने कहा कि ईआईए तथा कैरिंग कैपिसिटी के माध्यम से हम आज प्रदूषण की इंतहा के आंकलन का प्रयास कर रहे हैं। इसके निदान की दिशा में तो अभी कदम बढ़ा ही नहीं है। हर व्यक्ति कुछ पौधों को लगाने की जिम्मेदारी ले और नदी तालाब बचाने के लिये श्रमदान करे तो यहीं इस पृथ्वी को बचाने के प्रति उठाया गया सबसे बड़ा कदम होगा।
पौध रोपण की ली गई शपथ
कार्यशाला में आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं बॉटनी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव दुबे, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ. संतोष अग्निहोत्री, डॉ. अभिलाषा श्रीवासतव, डॉ. आरती सक्सेना, डॉ. विनीता कश्यप, डॉ. उमेश पाण्डेय, डॉ. आरती तिवारी एवं महाविद्यालय के अतिथि विद्वानों के साथ ही बीएससी तथा एमएससी के छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं। कार्यशाला सत्र के समापन अवसर पर प्राध्यापकों सहित सभी छात्र छात्राओं ने आगामी बरसात के मौसम में अघिकाधिक पौधारोपण की शपथ ली।
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