scriptलंबी जद्दोजहद के बाद रीवा का बेटा पाकिस्तान जेल से रिहा, पहुंचा अपने गांव | Anil arrives in Rewa after being released from Pakistan jail | Patrika News

लंबी जद्दोजहद के बाद रीवा का बेटा पाकिस्तान जेल से रिहा, पहुंचा अपने गांव

locationरीवाPublished: Sep 19, 2020 04:15:09 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-गांव वालों ने किया भव्य स्वागत-परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं

मां और अनिल साकेत

मां और अनिल साकेत

रीवा. लंबी कवायद के बाद पांच साल बाद रीवा का बेटा अनिल आखिर पाकिस्तान के लाहौर जेल से न केवल रिहा हो गया बल्कि वह अपने गांव छदनहाई पहुंच गया। पांच साल से बेटे की बाट जोह रहे उसके पिता, दादा और मां को एकबारगी अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। लेकिन जैसे ही अनिल उन्हें प्रणाम कर उनसे लिपटा, सभी की आंखें छलछला उठीं। अनिल की आंखें भी अपनों से मिल कर भर आईं। वह फूट-फूट कर रो पड़ा। ऐसे में वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी भर आईँ। सभी बस आंखों ही आंखों में बातें करते रहे, किसी की जुबान से बोल नहीं फूट रहे थे। अनिल भी खामोश ही रहा।
अनिल साकेत
बता दें कि रीवा से करीब 50 किमी दूर स्थित थाना नईगढ़ी, छदनहाई ग्राम निवासी अनिल साकेत (25) पुत्र बुद्धसेन साकेत 15 जनवरी 2015 को लापता हो गया था। पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बेटे के गायब हो जाने से पिता की मानसिक स्थिति खराब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। फिर एक दिन कहीं से सूचना आई कि वह भटकते हुए दिल्ली-लाहौर बस या ट्रक से पाकिस्तान पहुंच गया था और पाकिस्तानी पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया।
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अब जब अनिल अपने गांव पहुंचा तो गांव वाले भी उसके स्वागत के लिए जगह-जगह पलक पांवड़े बिछाए जमा थे। सबकी आंखों में कुछ सवाल भी थे। मानों हर कोई उससे यह जानने का प्रयास कर रहा हो कि वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा और इतने वर्षों तक वह पाकिस्तान में किस तरह से रहा। अनिल किसी के सवालों का जवाब देने के बजाय उनकी नजरों की ओर गौर से देखता रहा। वह पाकिस्तान के लाहौर जेल से रिहा हो कर अपनी सरजमीं पर पहुंच तो गया था पर पुलिस के वाहन में सहमा हुआ सा बैठा नजर आ रहा था।
 अनिल साकेत का रीवा पहुंचने पर हुआ स्वागत
इससे पहले जिला मुख्यालय पहुंचने पर जयस्तंभ चौराहे पर शहर के सामाज सेवियों ने अनिल का फूलमाला पहना कर स्वागत किया तथा उसको खाने के लिए फल भी सौंपे। वहीं गांव छदनहाई पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े बजाकर अनिल की अगुवाई की। इस दौरान छदनहाई सहित आसपास के गांव के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए थे। हर कोई पाकिस्तान में रहे अनिल के बीते पांच वर्ष के कार्यकाल को जानने को उत्सक रहा। इस दौरान सामाज सेवी राजीव पटेल, नीरज पटेल, शहीद मिस्त्री, महमूद खान सहित अन्य लोग शामिल रहे।
उधर अटरी बार्डर से रीवा लाने वाली ग्वालियर पुलिस ने जिला मुख्यालय पहुंचने पर एसपी कार्यालय में आमद दी, फिर पुलिस नईगढ़ी थाना लेकर पहुंची, जहां अनिल की दर्ज गुमशुदगी को लेकर पुलिस ने कार्रवाई करने के साथ उसके गांव में परिजनों के साथ भी लिखा-पढ़ी पूरी की।
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