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पांच शैक्षणिक सत्र से पीएचडी में नहीं हुआ प्रवेश, जानिए किस विश्वविद्यालय में हो रही इस तरह की लापरवाही

locationरीवाPublished: May 02, 2018 12:33:00 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

कुलपति का निर्देश भी हुआ हवा, प्रवेश की टूट रही आस…

APS University did not admission in PhD course from five years

APS University did not admission in PhD course from five years

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति का निर्देश भी अधिकारियों के उदासीन रवैए के चलते हवा-हवाई साबित हुआ है। कुलपति के सख्त निर्देश के बावजूद पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है जबकि एक दो नहीं बल्कि पूरे पांच वर्ष विलंब से चल रहा है। प्रवेश की लंबित प्रक्रिया अकादमिक विभाग की लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है।
उदासीन रवैया अपनाए हैं अधिकारी
नए वर्ष की शुरुआत में कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव ने शोध संचालनालय को निर्देशित किया था कि फरवरी तक हर हाल में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए लेकिन फरवरी की बात तो दूर मार्च और अप्रैल का महीना बीत जाने के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं जान पड़ रही है। वजह केवल जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता है।
नहीं मिल पा रही रिक्त सीटों की संख्या
दरअसल, शोध संचालनालय को अभी तक शोध निर्देशकों (प्रोफेसरों) के अधीन पीएचडी में रिक्त सीट की संख्या की जानकारी नहीं मिल सकी है। संचालनालय को यह जानकारी अकादमिक विभाग की ओर से दिया जाना है लेकिन अभी तक अधिकारियों के लिए यह संभव नहीं हो पाया है जबकि विभाग से जानकारी मांगे हुए छह महीने से अधिक वक्त बीतने को है।

नए शोध निर्देशकों की सूची भी लंबित
इतना ही नहीं, उन प्रोफेसरों को भी शोध निर्देशकों की सूची शामिल करना संभव नहीं हो पा रहा है, जो शोध कराने की पात्रता रखते हैं। विभिन्न विभागों के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रोफेसरों की ओर से इस बावत आवेदन किया गया है। लेकिन बोर्ड ऑफ स्टडी के गठन में विलंब के चलते अभी तक कई विषयों के प्रोफेसरों के नाम शोध निर्देशकों की सूची में शामिल नहीं हो सके हैं।
सत्र 2013 के बाद नहीं हुआ प्रवेश
विश्वविद्यालय प्रशासन पीएचडी पाठ्यक्रम में शैक्षणिक सत्र 2013 के बाद से प्रवेश नहीं कर सका है। नियमानुसार वर्तमान में सत्र 2018 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। सत्र 2013 के लिए दो वर्ष प्रवेश प्रक्रिया पूरी की गई है। उसके बाद की प्रवेश प्रक्रिया आदेश-निर्देश जारी होने तक सीमित है। जबकि प्रवेश के लिए वर्ष 2014 में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण छात्र इंतजार में हैं।
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