अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों को समस्याओं के समाधान के लिए अब प्रशासनिक भवन तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विश्व विद्यालय जल्द ही समस्या समाधान की गारंटी ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से देना शुरू करेगा।
सुविधा देने के लिए कवायद शुरू लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय में छात्रों को यह सुविधा देने के लिए कवायद शुरू कर दी गई। ऑनलाइन सेवा की गारंटी में विश्वविद्यालय की ओर से और भी पांच समस्याओं को शामिल किया गया। विश्वविद्यालय की यह कवायद उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों का नतीजा माना जा रहा है।
अब तक थीं पांच सुविधाएं लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अभी तक पांच सेवाएं दी जाती रही हैं। लेकिन निर्धारित दिवस की गारंटी में अब पांच अतिरिक्त सुविधाएं जुड़ गई हैं। इस तरह के छात्रों को निर्धारित 10 समस्याओं के निराकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
अब नहीं चलेगी बहानेबाजी
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समस्याओं का निराकरण नहीं कर पाने की स्थिति में विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी अब बहानेबाजी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि ऑनलाइन आवेदन की स्थिति आवेदन के दिन ही निश्चित हो जाएगी। अभी तक प्रक्रिया ऑफ लाइन होने के चलते अधिकारी-कर्मचारी आवेदन नहीं आने की बात करते रहे हैं।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समस्याओं का निराकरण नहीं कर पाने की स्थिति में विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी अब बहानेबाजी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि ऑनलाइन आवेदन की स्थिति आवेदन के दिन ही निश्चित हो जाएगी। अभी तक प्रक्रिया ऑफ लाइन होने के चलते अधिकारी-कर्मचारी आवेदन नहीं आने की बात करते रहे हैं।
सेवाएं व समाधान का तय दिवस
– नामांकन या माइग्रेशन प्रमाण पत्र-3
– प्रोविजनल उपाधि या डुप्लीकेट अंकसूची-2
– अंकसूची में सुधार-2
– शोध पंजीयन पत्र जारी करना-15
– पीएचडी की उपाधि प्रदान करना-180
– उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन-5
– कॉशनमनी की वापसी-5
– स्थानांतरण प्रमाण पत्र-5
– चरित्र प्रमाण पत्र-5
– दस्तावेजों का सत्यापन-5
– नामांकन या माइग्रेशन प्रमाण पत्र-3
– प्रोविजनल उपाधि या डुप्लीकेट अंकसूची-2
– अंकसूची में सुधार-2
– शोध पंजीयन पत्र जारी करना-15
– पीएचडी की उपाधि प्रदान करना-180
– उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन-5
– कॉशनमनी की वापसी-5
– स्थानांतरण प्रमाण पत्र-5
– चरित्र प्रमाण पत्र-5
– दस्तावेजों का सत्यापन-5