लगती है लंबी कतार
सेमरिया नगर परिषद सहित आसपास के गांवों में 20 से 30 किलोमीटर से लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए पोस्ट ऑफिस पहुंच रहे हैं। आधार कार्ड बनवाने और गड़बड़ी सुधरवाने के लिए सुबह 7 बजे से ही बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों की लंबी लग जाती है। कतार में खड़े लोगों ने बताया कि कर्मचारी एक दिन में मात्र 20 से 30 लोगों आवेदन दे रहे हैं। जबकि प्रतिदिन लगभग 200 लोगों की कतार लग रही है। दोपहर १२ बजे से करीब दो बजे तक कतार में खड़ी महिला सुमित्रा आदिवासी अचेत होकर फर्श पर गिर पड़ी। मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। बाद में लोगों ने उसे पानी का छीटामारा तो कुछ देर बाद होश में आ गई। पूछने पर बताया कि वह दस किमी दूर झलवार गांव से आधार कार्ड ठीक कराने के लिए आयी है। सुमित्रा इससे पहले भी आ चुकी है। लेकिन, कर्मचारियों की अनदेखी के चलते वह दूसरे दिन भी कतार में खड़ी रही। भीषण गर्मी में ज्यादातर लोग बेहाल रहे। कतार में खड़ी एक अन्य महिला भी अचेत हो गई थी। ये कहानी अकेले एक दिन की नहीं बल्कि हर रोज कतार में आधार के लिए बेआधार हो रहे हैं।
बैंक में पहुंच रहे 80 फीसदी लोगों के आधार हुए निराधर
बैंकों में आधार कार्ड जमा करने वाले ८० फीसदी लोगों के आधार निराधार हो गए हैं। बैंक कर्मचारी उन्हें यह कहकर वापस कर रहे हैं आधार त्रुटिपूर्ण हैं। ज्यादातर आधार कार्ड में जन्मतिथि एवं नाम त्रुटिपूर्ण है। बैंक कर्मचारियों ने कहा कि ज्यादातर कार्ड में जन्मतिति गलत तरीके से अंकित कर दी गई है। कई ऐसे कार्ड में जिनमें जन्म दिन की जगह माह और वर्ष की जगह जन्मतिथि अंकित कर दिया गया है। जबकि जन्म दिनांक के स्थान पर जन्म का महीना के साथ जन्म का साल अंकित होना चाहिए तभी आधार कार्ड मान्य होगा। केन्द्र बढ़ाने जाने की मांग जिले के सेमरिया में आधार कार्ड बनवाने और सुधार कराने के लिए लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने पोस्ट आफिस के अलावा अन्य बैंकों में भी केन्द्र खोले जाने की मांग उठाई है।
सेमरिया नगर परिषद सहित आसपास के गांवों में 20 से 30 किलोमीटर से लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए पोस्ट ऑफिस पहुंच रहे हैं। आधार कार्ड बनवाने और गड़बड़ी सुधरवाने के लिए सुबह 7 बजे से ही बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों की लंबी लग जाती है। कतार में खड़े लोगों ने बताया कि कर्मचारी एक दिन में मात्र 20 से 30 लोगों आवेदन दे रहे हैं। जबकि प्रतिदिन लगभग 200 लोगों की कतार लग रही है। दोपहर १२ बजे से करीब दो बजे तक कतार में खड़ी महिला सुमित्रा आदिवासी अचेत होकर फर्श पर गिर पड़ी। मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। बाद में लोगों ने उसे पानी का छीटामारा तो कुछ देर बाद होश में आ गई। पूछने पर बताया कि वह दस किमी दूर झलवार गांव से आधार कार्ड ठीक कराने के लिए आयी है। सुमित्रा इससे पहले भी आ चुकी है। लेकिन, कर्मचारियों की अनदेखी के चलते वह दूसरे दिन भी कतार में खड़ी रही। भीषण गर्मी में ज्यादातर लोग बेहाल रहे। कतार में खड़ी एक अन्य महिला भी अचेत हो गई थी। ये कहानी अकेले एक दिन की नहीं बल्कि हर रोज कतार में आधार के लिए बेआधार हो रहे हैं।
बैंक में पहुंच रहे 80 फीसदी लोगों के आधार हुए निराधर
बैंकों में आधार कार्ड जमा करने वाले ८० फीसदी लोगों के आधार निराधार हो गए हैं। बैंक कर्मचारी उन्हें यह कहकर वापस कर रहे हैं आधार त्रुटिपूर्ण हैं। ज्यादातर आधार कार्ड में जन्मतिथि एवं नाम त्रुटिपूर्ण है। बैंक कर्मचारियों ने कहा कि ज्यादातर कार्ड में जन्मतिति गलत तरीके से अंकित कर दी गई है। कई ऐसे कार्ड में जिनमें जन्म दिन की जगह माह और वर्ष की जगह जन्मतिथि अंकित कर दिया गया है। जबकि जन्म दिनांक के स्थान पर जन्म का महीना के साथ जन्म का साल अंकित होना चाहिए तभी आधार कार्ड मान्य होगा। केन्द्र बढ़ाने जाने की मांग जिले के सेमरिया में आधार कार्ड बनवाने और सुधार कराने के लिए लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने पोस्ट आफिस के अलावा अन्य बैंकों में भी केन्द्र खोले जाने की मांग उठाई है।