रीवा

पुलिस राडार में दर्जन भर से अधिक हथियारों के शौकीन युवक

उ.प्र. के प्रयागराज से आते हैं सर्वाधिक हथियार, मुख्य सरगना फरार, व्यापक स्तर पर कार्रवाई की तैयारी में पुलिस

रीवाApr 07, 2019 / 07:41 pm

Shivshankar pandey

Arm

रीवा। जिले में हाल के दिनों में पकड़े गये अवैध हथियारों ने एक बड़े नेटवर्क को पुलिस की राडार में ला दिया है, जिनके पास अवैध हथियार होने की जानकारी पुलिस को मिली है। रीवा पुलिस ने सप्ताह भर के अंतराल में ही आधा दर्जन अवैध हथियार पकड़े हंै जिनको लेकर घूमने वाले युवक भी पुलिस के हाथ लगे है। इनमें से ज्यादातर युवक शौक के लिए हथियार रखते थे ताकि दोस्तों के बीच उनका रौब बना रहे। इन आरोपियों ने पूछताछ में एक बड़े नेटवर्क को पुलिस के राडार में ला दिया है। करीब एक दर्जन युवकों को पुलिस ने सूचीबद्ध किया है जिनके पास अवैध हथियार मौजूद हैं और अक्सर वे लूटपाट व धमकाने जैसी वारदातों को अंजाम देते हंै।उक्त युवकों को पकडऩे के लिए पुलिस ने दबिश दी थी लेकिन हाल में हुई कार्रवाई के बाद सभी लापता हो गये हंै। पुलिस लोकसभा चुनाव के पहले इन युवकों को हर हाल में पकडऩे की योजना बना रही है ताकि चुनाव के समय शांति व्यवस्था बनी रहे।जिले में अवैध हथियार लंबे समय से पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। हथियार से लैश युवक आयेदिन गोली चलाने व लूटपाट की वारदातों को अंजाम देते हैं। शहर में हथियारों की सप्लाई करने वाले मास्टर माइंड की पहचान एक पुराने अपराधी के रूप में हुई है जो हाल के कुछ वर्षों में जिले के भीतर काफी संख्या में हथियार बेंचा है। अवैध हथियार जिले में शांति व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बने हुए है। पहली बार यह गिरोह पुलिस की राडार में आया है।

प्रयागराज का सप्लायर कई मामलों में वाटेड
जिले में पकड़े गये अवैध शस्त्रों में सप्लायर के रूप में प्रयागराज उ.प्र. के सप्लायर की पुलिस को तलाश है। अधिकांश मामलों में उसका नाम सामने आया है जिसने रीवा के बदमाशों को हथियार सप्लाई किया है। हालांकि प्रयागराज में उसका स्थायी ठिकाना अभी पुलिस पता नहीं लगा पाई है। हथियारों की सप्लाई का मुख्य सरगना वही है।

तीन माह में पकड़े गए पन्द्रह शस्त्र
जिले में तीन माह के भीतर ही पुलिस ने दर्जन भर से अधिक अवैध हथियार पकड़े गये है। करीब पन्द्रह शस्त्र अपराधियों के कब्जे से बरामद हुए है। इन हथियारों को रखने वाले अधिकांश युवक ही थे जिन्होंने वारदातों को भी अंजाम दिया था। वहीं गत वर्ष लगभग एक सैकड़ा अवैध शस्त्र पकड़े गये थे। अभी भी जिले के भीतर कितने शस्त्र मौजूद है इसका ठिकाना नहीं है।
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