जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर स्थित डभौरा के अंबेडकर नगर में आयोजित बैठक में क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा गांवों की महिलाएं और बेटियां जुटीं। बहिनी दरबार की प्रेमवती आदिवासी ने कहा, क्षेत्र में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा। निर्मला आदिवासी ने कहा मनरेगा में मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने से गरीब परिवार के युवाओं का पलायन बढ़ गया है। विभा साकेत ने कहा, सरकार ने क्षेत्र के 12 गांवों की जमीन कौडिय़ों के दाम लेकर कंपनी को पावर हाउस बनाने के लिए दे दिया। सभी को उम्मीद थी कि पावर हब बनाने से क्षेत्र के बीस हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
ममता प्रजापति ने कहा, रोजगार मिलने से युवाओं को काम के लिए सूरत, मुबंई और पड़ोसी राज्य यूपी के शंकरगढ़ में पहाड़ तोडऩे के लिए नहीं जाना पड़ेगा। संजू ने कहा, सिंचाई का संसाधन नहीं होने से दर्जनभर से ज्यादा गांवों में किसानों की फसल सूख जाती है। लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि इस बार वोट सोच-समझकर देना होगा। जो सम्पूर्ण विकास की बात करें उसी को मतदान करना होगा।
बैठक में ये रहीं मौजूद
बैठक के दौरान विभा वर्मा, सावित्री वर्मा, रामलली, प्रीति, विमला, संजू वर्मा, राजकली आदिवासी, सुनीता, सुखवरिया, कौशिल्या, कृष्णा कोल, संतोष कुमारी, रामसखी वर्मा, कैलशिया दिपांकर, उर्मिला जायसवाल सहित दर्जनों की संख्या में महिलाएं और बेटियां मौजूद रहीं। सभी ने क्षेत्रीय मुद्दों को बेबाकी से उठाए।
आदिवासी बस्ती में भूमिहीनों को जमीन का पट्टा दे दिया गया है, ज्यादातर गरीबों को कब्जा नहीं मिल सका। जिसे कब्जा भी मिला है उसका तहसील के रेकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा है। ऊषा यादव,
क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा दलित-आदिवासी गांव मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ सके हैं। कई बार क्षेत्रीय नेताओं से लेकर विकास अधिकारियों को आवेदन दिया गया। किसी ने ध्यान नहीं दिया। विनीता वर्मा
० अधिग्रहीत की गई 12 गांवों की जमीन पर पावर हाउस चालू कराया जाए।
० तराई अंचल में उद्योग स्थापित किया जाए।
० मार्ग विहीन गरीब बस्तियों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जाए।
० गरीब बस्तियों में गरीब परिवारों के राशन कार्ड बनाए जाए।
० एजुकेशन को मजबूत करने के साथ ही बंद स्कूलों को चालू कराया जाए।
० पेयजल से निपटने के लिए ठोस व्यवस्था की जाए।
० गांवों में लगाए गए हैंडपंपों की पाइप लाइन बढ़ाई जाए।
० सिंचाई का संसाधन बढ़ाया जाए।
० मनरेगा के तहत रोजगार दिया जाए।