बसहट गांव में बीते पांच जनवरी को कांजी हाउस एवं अवैध बाड़े में बड़ी संख्या में मृत मवेशियों को निकाला गया था। करीब सैकड़ा भर से अधिक संख्या में मरे जानवरों की जिम्मेदारी अब तक प्रशासन तय नहीं कर पाया है। जबकि इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने भी निर्देश दिया है कि इस घटना में शामिल किसी भी सख्श को नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से मामले की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसके साथ ही संभागायुक्त ने भी टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। अधिकारियों ने केवल पशु विभाग के अधिकारियों को दोषी माना है, जिसके चलते दो अधिकारियों को नोटिस जारी की गई है। घटना के तत्काल बाद ही पुलिस ने सरपंच सहित 17 किसानों पर एफआइआर दर्ज किया है।वहीं घटना में शामिल ग्राम पंचायत के सचिव, पटवारी, ग्राम रोजगार सहायक, कोटवार सहित अन्य की भूमिका अब तक तय नहीं हो पाई है। लगातार हो रहे इस विलंब पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि कर्मचारियों को राजनीतिक संरक्षण दिए जाने की वजह से उन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।