स्टार्टअप : बैक की नौकरी छोड़ दूसरो को रोजगार दे रहा युवा उद्यमी, करोड़ो का टर्नओवर
शहर के रतहरा में खुद का स्टार्टअप शुरू कर 25 से अधिक लोगों दी नौकरी30 लोगों को दिया रोजगार

रीवा. बैंक में सेल्स ऑफीसर की नौकरी छोडकऱ खुद का स्टार्टअप शुरू किया है। और डेढ़ साल तक स्वयं मशीन को आपरेट किया। दो साल के भीतर करोड़ो की इंडस्ट्री खड़ी कर अब दूसरो को रोजगार दे रहे है। हम बात कर रहे हैं युवा उद्यमी अभिषेक चंदानन की।
एमबीए के बाद बैंंक की नौकरी मिली
शहर रतहरा निवासी शंभू पटेल का दूसरे नंबर का बेटा अभिषेक चंदानन शहर में महर्षि विद्यामंदिर से स्कूलिंग की। इंदौर से ग्रेजुवेशन व एमबीए की पढ़ाई कर वर्ष 2014 में बैंक की नौकरी मिल गई। अच्छे पैकेज मिल रहा था। अभिषेक वर्ष 2017 में बैंक की नौकरी को छोड़ दिया।
स्टार्टअप प्रारंभ करने तीन लाख की सहायता
बैंक की नौकरी छोडऩे के बाद विभिन्न शहरों में सर्वे किया। चैन लिंक फेंसिंग की मैन्युफेच्चरिंग का काम सूझा और तीन लाख रुपए की आश्वयकता पड़ी। स्टार्अप शुरू करने से पहले अभिषेक गुजरात, छत्तीसगढ़ और मुंबई में चैन फेसिंग की मैन्युफैच्रिंग वाली मशीन को सीखने के लिए कारखानों में चक्कर लगाए।
तीन लाख में मशीन लगाए
मई 2018 में तीन लाख रुपए में सेमी ऑटो मशीन ले आए। करीब डेढ़ साल तक अभिषेक स्वयं रातदिन मेहनत कर मशीन को आपरेट किया। पांच युवाओं को रोजगार दे दिया। जिसमें से एक को आपरेटर बना दिया।
सेंट्रल बैंक ने मुद्रा योजना के तहत 46 लाख रुपए का ऋण
अभिषेक के स्टार्टअप को मुद्रा योजना के तहत दो अलग-अलग बैंक से 46 लाख रुपए का ऋण लेकर कारोबार को आगे बढ़ाया। अभिषेक बैंक की मदद से कारोबार को बढ़ा किया। और वर्तमान समय में करोड़ों की इंडस्ट्री खड़ी कर दी है। एक करोड़ से अधिक का टर्नओवर है। अभिषेक नौकरी छोडऩे के बाद तीन साल के भीतर करीब 30 लोगों को रोजगार दिया है।
बाजार की डिमांड पूरी करने रातदिन मेहनत
अभिषेक युवा उद्यमी बन गए और एक मशीन से बढ़ाकर तीन मशीन लगा दिया है। दो साल के भीतर बाजार की डिमांड पूरी करने के लिए रातदिन एक करना पड़ रहा है। अभिषेषक तारबाड़ी, जाली आदि की मैन्युफैक्चरिंग का काम कर रहे। गर्वमेंट समेत खेत सहित अन्य की बाउंड्री बनाने के लिए चैन फेंस तैयार कर रहे हैं।
अभिषेक का युवाओं को संदेश
हर युवा को अपने भविष्य लिए सोचना होगा। इसके लिए बाहर जाकर नौकरी करने से अच्छा अपना स्वयं का कारोबार हैं। कारोबार छोटा हो या बढ़ा, मेहनत करना होगा। जिससे अपना और आने वाली पीढ़ी को बेहतर प्लेटफार्म मिल सके।

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