बीहर नदी में बन रहे इको पार्क का निर्माण कराने के लिए ठेकेदार की मांग पर बीते महीने दस दिनों के लिए पानी रोका गया था। जिससे कई दिनों तक पानी की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ा था। उस दौरान बिजली के उत्पादन भी बड़ा असर पड़ा था। जिस अवधि में पानी बंद रहा, उस दौरान करीब आठ करोड़ रुपए की बिजली सिरमौर और सिलपरा के पावर प्लांट में बनने का अनुमान लगाया जा रहा था।
रीवा शहर की पेयजल व्यवस्था बाणसागर बांध के पानी पर ही निर्भर है। यह पानी सिलपरा से बीहर नदी में गिराया जाता है, इस नदी में शहर के कुठुलिया, अखाड़घाट एवं अजगरहा में ५८ एमएलडी पानी के शुद्धीकरण के लिए फिल्टर प्लांट लगाए गए हैं। नदी की धार बांध के पानी की वजह से ही है।
जब बांध का पानी रोका जाता है तो नदी भी सूख जाती है। ऐसे में यदि कई दिनों तक नदी का पानी रोका जाएगा तो सभी फिल्टर प्लांट बंद हो जाएंगे। नगर निगम के पास शहर में ऐसी दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों की प्यास बुझाई जा सके। शहर के हैंडपंप पहले से ही खराब पड़े हैं, ट्यूबवेल से पानी सप्लाई कुछ मोहल्लों तक सीमित है। इसलिए परेशानी बढ़ेगी।
15 अप्रेल से बांध का पानी बंद किए जाने की तैयारी की गई थी। इसी अवधि में पॉवर प्लांट में मेंटेनेंस के साथ ही त्योंथर फ्लो परियोजना को भी बाणसागर की नहर से जोड़ा जाना था। दोनों विभागों के बीच सहमति नहीं बनने के चलते अभी तारीख का निर्धारण एक बार फिर टल गया है। बताया जा रहा है कि जलसंसाधन विभाग ने टोंस हाइडल कार्पोरेशन को पत्र लिखकर कहा है कि जब वे प्लांट की मरम्मत के लिए पानी रोकेंगे, उसी दौरान नहर जोडऩे का कार्य भी उनका विभाग करेगा।
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हमारा रूटीन मेंटेनेंस तो होता रहता है लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जिसके लिए पानी रोकना होता है। जलसंसाधन विभाग अपनी सुविधा के लिए जब पानी रोकेगा तो उसी समय हम भी मेंटेनेंस का कार्य करा लेंगे।
जेएल दीक्षित, चीफ इंजीनियर टीएचसी
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नहर जोडऩे के लिए सप्ताह भर का समय हमें चाहिए लेकिन इसके लिए अलग से पानी नहीं रोकेंगे। टीएचसी से कहा गया है कि वे तारीख तय कर लें, जब मेंटेनेंस शुरू करेंगे उसी दौरान हमारा भी कार्य हो जाएगा। संभावना है इसी महीने यह कार्य प्रारंभ होगा।
पीपी पाठक, अधीक्षण यंत्री, जलसंसाधन