स्कूलों में मां सरस्वती की विधिवत पूजा – अर्चना की गई। वसंत पंचमी से शीत ऋतु का समापन एवं ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ माना जाता है। 6 ऋतुओं में वसंत का स्थान सर्वोपरि है। जिस कारण इन्हें ऋतुराज भी कहा जाता है।
सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर की गई पूजा अर्चना
वसंत पंचमी के अवसर पर रविवार को शहर के कई विद्यालयों में विद्या की देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। वाणी की देवी सरस्वती को कई नामों से जाना जाता है। जिसमें मां बागीश्वरी, मां भगवती, मां शारदा, मां वीणावादनी और मां वाग्देवी समेत अन्य कई नामों से पूजा अर्चना की गई। मां विद्या और बुद्धि की प्रदाता मानी गई हैं। मां सरस्वती की संगीत की देवी के रूप में पूजा की गई।
वसंत पंचमी पर मार्तण्ड उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक – तीन में पूजा – अर्चना किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष पार्षद वन्दना सिंह मौजूद रहीं।
शिक्षक, शिक्षिकाओं की उपस्थिति में सरस्वती मां का पूजन – अर्चन किया गया। आचार्य डा. कौशलेन्द्रमणि त्रिपाठी ने विधि विधान से पूजन अर्चन कराया। बच्चों ने श्रद्धा के साथ मां सरस्वती से प्रार्थना किया। सद्विचार एवं ज्ञान से परिपूर्ण करने का आर्शीवाद लिया।
कायक्रम में आचार्य अरविन्द त्रिपाठी ने मां का भावपूर्ण भजन सुनाया।
कार्यक्रम में देवराज सिंह, व्हीपी अग्निहोत्री, सुभाषचन्द्र, चन्दन सिंह, उमेश तिवारी, नीरज पाण्डेय, संतोष नीरज, सुदीप पाण्डेय, सुखेन्द्र पाण्डेय, सुषमा सिंह, सविता मिश्र, शैलजा शर्मा, शीतल पाठक, अर्चना मिश्र, संजीव मिश्रा, सुरेश सोनी, एनआर साकेत, संतोष नीरज सहित कई लोग उपस्थित रहे।
वसंत नृत्य एवं गीत का आयोजन
सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नेहरू नगर में 10 फरवरी को सरस्वती पूजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के प्रथम चरण में मां सरस्वती का पूजन एवं हवन किया गया।
मुख्य अतिथि कैप्टन हरवीर सिंह मौजूद रहे। आरती एवं सरस्वती वन्दना छात्र – छात्राओं ने की। महेन्द्र मिश्र ने पूजन का कार्यक्रम विधि – विधान एवं मंत्रोचारण के साथ कराया।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम की झलकियां प्रस्तुत की गई। जिसमें वसंत नृत्य, वसन्ती गीत एवं काव्य पाठ आदि कार्यक्रम विद्यालय के छात्र – छात्राओं ने प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर विद्यालय के समस्त आचार्य छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य मंगलेश्वर प्रसाद मिश्र ने किया।