scriptइलेक्ट्रानिक काटों की तौल में भी लगा रहे बट्टा , 300 प्रतिष्ठानों में मिली कम तौल | Batta being installed in tolls of electronic cuts | Patrika News

इलेक्ट्रानिक काटों की तौल में भी लगा रहे बट्टा , 300 प्रतिष्ठानों में मिली कम तौल

locationरीवाPublished: Apr 24, 2019 12:31:38 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

14 हजार मशीनें ही पंजीकृत, सत्यापन से बचने नहीं रखते है बाट

Batta being installed in tolls of electronic cuts

Batta being installed in tolls of electronic cuts

रीवा। इलेक्ट्रानिक काटों की तौल में आंख बंद कर विश्वास कर सामग्री खरीद रहे है तो सावधान रहे। इलेक्ट्रानिक काटों में तौल पर आप को व्यापारी बट्टा लगा रहे है। पिछले एक सालों में 300से अधिक मामले कम तौल के सामने आए है। इन पर नाप तौल विभाग ने जुर्माना लगाया है। यह तो उन विक्र्रेताओं की स्थिति है जो कि नाप तौल में पंजीकृत है, लेकिन वर्तमान में बड़ी संख्या में व्यापारी ने जो इलेक्ट्रानिक काटें रखे है उनका पंजीयन हीं नापतौल विभाग में नहीं कराया है।
जिले में लभगग तराजूओं की जगह इलेक्ट्रानिक कांटो ने ली है। लेकिन इलेक्ट्रानिक काटों के साथ व्यापारियों को सत्यापन करने के लिए सत्यपित वॉट रखा अनिवार्य है, लेकिन वह तौल में हेराफेरी करने के लिए दुकानों में वॉट रखते ही नहीं है। नाप तौल विभाग ने पिछले एक सालों में 300 मामले दर्ज किए है। इनमें शहरी क्षेत्र के 158मामलों 87 हजार एवं ग्रामीण क्षेत्रों 150 मामलों में लगभग 1 लाख 48हजार का जुर्माना वसूल किया है। बताया जा रहा इनमें सबसे अधिक शिकायत लोहा निर्माता के यहां मिली है।
14 हजार मशीनें है पंजीयन
नाप तौल विभाग के आकड़े बताते है पूरे जिले में लगभग 14हजार व्यापारियों ने अपने इलेक्ट्रानिक काटों को एक साल के लिए सत्यापन कराया है। इनमें सहकारी समितियंा एवं गेंहू खरीदी केन्द्र शामिल है। लेकिन बड़ी संख्या में दुकानदारों ने इलेक्ट्रानिक काटे खरीदने के बाद नापतौल में पंजीयन ही नहीं कराया है। ऐसे में वह इलेक्ट्रानिक कॉटो में छेड़छाड़ कर कम तौल रहे है।
फेब्रीकेशन में सबसे अधिक मामलेे
नाप तौल विभाग के आकड़े बताते है सबसे अधिक कम तौल के मामले फे ब्रीकेशन लोहे के गेट व खिड़की निर्माण कराने वालों के सामने आए है। इसके अतिरिक्त अन्य व्यापारियों के भी कम तोलने पर जुर्माना लगाया गया है।
हर साल सत्यापन करना जरुरी
बताया जा रहा है प्रतिवर्ष व्यापारियों को अपने इलेक्ट्राकि काटे व वॉट नापतौल विभाग में सत्यापन करना अनिवार्य है। सत्पायन उपरांत नापतौल विभाग इलेक्ट्रानिक काटे व वॉट का सील लगाती है लेकिन बड़ी संख्या में अभी ऐसे व्यापारी है जो नापतौल विभाग में पंजीकृत ही नहीं है।

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