14 हजार मशीनें है पंजीयन–
नाप तौल विभाग के आकड़े बताते है पूरे जिले में लगभग 14हजार व्यापारियों ने अपने इलेक्ट्रानिक काटों को एक साल के लिए सत्यापन कराया है। इनमें सहकारी समितियंा एवं गेंहू खरीदी केन्द्र शामिल है। लेकिन बड़ी संख्या में दुकानदारों ने इलेक्ट्रानिक काटे खरीदने के बाद नापतौल में पंजीयन ही नहीं कराया है। ऐसे में वह इलेक्ट्रानिक कॉटो में छेड़छाड़ कर कम तौल रहे है।
नाप तौल विभाग के आकड़े बताते है पूरे जिले में लगभग 14हजार व्यापारियों ने अपने इलेक्ट्रानिक काटों को एक साल के लिए सत्यापन कराया है। इनमें सहकारी समितियंा एवं गेंहू खरीदी केन्द्र शामिल है। लेकिन बड़ी संख्या में दुकानदारों ने इलेक्ट्रानिक काटे खरीदने के बाद नापतौल में पंजीयन ही नहीं कराया है। ऐसे में वह इलेक्ट्रानिक कॉटो में छेड़छाड़ कर कम तौल रहे है।
फेब्रीकेशन में सबसे अधिक मामलेे–
नाप तौल विभाग के आकड़े बताते है सबसे अधिक कम तौल के मामले फे ब्रीकेशन लोहे के गेट व खिड़की निर्माण कराने वालों के सामने आए है। इसके अतिरिक्त अन्य व्यापारियों के भी कम तोलने पर जुर्माना लगाया गया है।
नाप तौल विभाग के आकड़े बताते है सबसे अधिक कम तौल के मामले फे ब्रीकेशन लोहे के गेट व खिड़की निर्माण कराने वालों के सामने आए है। इसके अतिरिक्त अन्य व्यापारियों के भी कम तोलने पर जुर्माना लगाया गया है।
हर साल सत्यापन करना जरुरी
बताया जा रहा है प्रतिवर्ष व्यापारियों को अपने इलेक्ट्राकि काटे व वॉट नापतौल विभाग में सत्यापन करना अनिवार्य है। सत्पायन उपरांत नापतौल विभाग इलेक्ट्रानिक काटे व वॉट का सील लगाती है लेकिन बड़ी संख्या में अभी ऐसे व्यापारी है जो नापतौल विभाग में पंजीकृत ही नहीं है।
बताया जा रहा है प्रतिवर्ष व्यापारियों को अपने इलेक्ट्राकि काटे व वॉट नापतौल विभाग में सत्यापन करना अनिवार्य है। सत्पायन उपरांत नापतौल विभाग इलेक्ट्रानिक काटे व वॉट का सील लगाती है लेकिन बड़ी संख्या में अभी ऐसे व्यापारी है जो नापतौल विभाग में पंजीकृत ही नहीं है।