श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा के पूर्व डीन डॉ. पीसी द्विवेदी साइबर फ्राड के शिकार हो गए। क्रेडिट कार्ड का पिन जनरेट करने के दौरान हुई चूक का फायदा उठाकर बदमाशों ने उनके खाते से 10 लाख रुपए पार कर दिए। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बताया गया कि डॉक्टर कॉलोनी निवासी डॉ. पीसी द्विवेदी का खाता पंजाब नेशनल बैंक में है। बैंक से उन्होंने क्रेडिट कार्ड ले रखा है, जिसका पिन जनरेट के लिए इंटरनेट से बैंक के कस्टमर केयर नम्बर सर्च कर फोन लगाया।
उन्होंने अपनी समस्या बताई तो आरोपी ने वाट्सएप पर उनको एक लिंक भेजी। इस लिंक को खोलकर फार्म भरने से उनको पिन जनरेट होने का झांसा दिया। झांसे में आकर डॉ द्विवेदी ने जैसे ही लिंक खोली उनके खाते की पूरी जानकारी आरोपियों के पास चली गई और उन्होंने 24 बार में 9.94 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए।
हैरानी की बात है कि इसकी जानकारी भी नहीं हुई। शाम साढ़े चार बजे जब उन्होंने अपना मोबाइल चेक किया तो खाते से रुपए निकलने के मैसेज पड़े थे जिसे देखकर होश उड़ गए। परेशान होकर वे थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। बताया गया कि बदमाशों ने विभिन्न कंपनियों, बैंकों व संस्थाओं के नाम पर फर्जी बेवसाइट बना रखी है जिसमें वे अपना नम्बर दर्ज रखते हैं। जैसे ही किसी ने फोन लगाया तो बदमाश कंपनी का कर्मचारी बनकर उसको लिंक भेजकर रुपए निकाल लेते हैं।
आप भी रहें सतर्क
अक्सर लोग कस्टमर केयर नंबर ढूंढने के लिए सबसे सुलभ साधन गूगल मान लेते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि मिलते जुलते नामों से कई मोबाइल एप और कई ऐसी वेबसाइट काम कर रही हैं, जो सिर्फ लोगों को ठंगने के लिए ही बैठी हैं। इससे पहले भी कई मामले ऐसे आ चुके हैं। इंदौर के एक व्यवसायी ने गूगल से ट्रांसपोर्ट कंपनी का नंबर तलाशा। वे इंदौर से ग्वालियर सामान भेजना चाहते थे। उस कंपनी ने बताया कि हमारा ट्रक इंदौर से निकलने वाला है, हमारा आदमी आकर आपसे सामान ले लेगा। एडवांस के रूप में आप इस नंबर पर आनलाइन पेमेंट कर दीजिए। व्यवसायी ने 5 हजार रुपए आनलाइन ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद से कंपनी के किसी भी व्यक्ति ने उनसे संपर्क नहीं किया और न ही फोन उठाया।