विंध्य में दो दिवसीय उत्सव
विंध्य में यह उत्सव 2 दिन का तो पुरी में 10 दिनों का होता है। ऐसी मान्यता है कि रथ यात्रा के समय पुरी में समस्त तीर्थों का समागम होता है। पुरी का प्रधान पर्व होते हुए भी यह रथयात्रा पर्व पूरे भारत सहित रीवा नगर में भी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाता है। जो लोग पुरी की रथयात्रा में नहीं शामिल हो पाते वे अपने नगर की रथयात्रा को पुरी की रथयात्रा के प्रतीक के रूप में निकालते हैं। उसमें अवश्य शामिल होते हैं। उत्साहपूर्वक जगन्नाथ का रथ खींचकर लोग अपने आपको धन्य समझते हैं। पुराणों का कथन है कि जगन्नाथ जी के रथ में मनुष्य के त्रितापों को दूर करने की अद्भुत क्षमता है और व्यक्ति मनुष्य के मन में इस कृत्य को करने से एक अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा तथा भौतिक प्रगति के सोपान प्रशस्त होते हैं।
विंध्य में यह उत्सव 2 दिन का तो पुरी में 10 दिनों का होता है। ऐसी मान्यता है कि रथ यात्रा के समय पुरी में समस्त तीर्थों का समागम होता है। पुरी का प्रधान पर्व होते हुए भी यह रथयात्रा पर्व पूरे भारत सहित रीवा नगर में भी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाता है। जो लोग पुरी की रथयात्रा में नहीं शामिल हो पाते वे अपने नगर की रथयात्रा को पुरी की रथयात्रा के प्रतीक के रूप में निकालते हैं। उसमें अवश्य शामिल होते हैं। उत्साहपूर्वक जगन्नाथ का रथ खींचकर लोग अपने आपको धन्य समझते हैं। पुराणों का कथन है कि जगन्नाथ जी के रथ में मनुष्य के त्रितापों को दूर करने की अद्भुत क्षमता है और व्यक्ति मनुष्य के मन में इस कृत्य को करने से एक अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा तथा भौतिक प्रगति के सोपान प्रशस्त होते हैं।
भगवान जगन्नाथ को रात्रि विश्राम का न्यौता
भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की सदियों पुरानी परंपरा का निर्वाहन इस बार भी विधि-विधान से किया जाएगा। मंगलवार को मानस मंडल परिवार ने लक्ष्मणबाग संस्थान पहुंचकर भगवान जगन्नाथ को मानस भवन में रात्रि विश्राम करने के लिए न्यौता दिया। सेवा का सौभाग्य प्रदान करने की विनती की गई। चौदह जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शहर में निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान जगन्नाथ शहर भ्रमण करेंगे। रात्रि विश्राम मानस भवन में करेंगे। दूसरे दिन यहां भंडारे के बाद भगवान फिर लक्ष्मणबाग संस्थान वापस लौट जाएंगे। इसकी तैयारियों पूरी हो गई हैं। इसी क्रम में मानस मंडल परिवार की बैठक लक्ष्मणबाग में हुई। बैठक से पहले वैद्य ओम प्रकाश गुप्ता पंसारी ने भगवान को औषधियां समर्पित की। लू लगने से भगवान कई दिनों से बीमार चल रहे हैं। उपचार के बाद 14 जुलाई तक स्वस्थ हो जाएंगे। ऐसी मान्यता है। इस मौके पर डॉ. दीनानाथ शास्त्री भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि उपचार का क्रम रोजाना उनके स्वस्थ होने तक चलता है। रथयात्रा के दिन नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह दर्शन के लिए भीड़ उमड़ेगी। जिसे देखते हुए व्यवस्थाएं करने के लिए जिला और ननि प्रशासन को कहा गया है। मानस भवन में रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन आरती, भजन-कीर्तन किया जाता है।
भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की सदियों पुरानी परंपरा का निर्वाहन इस बार भी विधि-विधान से किया जाएगा। मंगलवार को मानस मंडल परिवार ने लक्ष्मणबाग संस्थान पहुंचकर भगवान जगन्नाथ को मानस भवन में रात्रि विश्राम करने के लिए न्यौता दिया। सेवा का सौभाग्य प्रदान करने की विनती की गई। चौदह जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शहर में निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान जगन्नाथ शहर भ्रमण करेंगे। रात्रि विश्राम मानस भवन में करेंगे। दूसरे दिन यहां भंडारे के बाद भगवान फिर लक्ष्मणबाग संस्थान वापस लौट जाएंगे। इसकी तैयारियों पूरी हो गई हैं। इसी क्रम में मानस मंडल परिवार की बैठक लक्ष्मणबाग में हुई। बैठक से पहले वैद्य ओम प्रकाश गुप्ता पंसारी ने भगवान को औषधियां समर्पित की। लू लगने से भगवान कई दिनों से बीमार चल रहे हैं। उपचार के बाद 14 जुलाई तक स्वस्थ हो जाएंगे। ऐसी मान्यता है। इस मौके पर डॉ. दीनानाथ शास्त्री भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि उपचार का क्रम रोजाना उनके स्वस्थ होने तक चलता है। रथयात्रा के दिन नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह दर्शन के लिए भीड़ उमड़ेगी। जिसे देखते हुए व्यवस्थाएं करने के लिए जिला और ननि प्रशासन को कहा गया है। मानस भवन में रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन आरती, भजन-कीर्तन किया जाता है।