सीएसआर मद से कराया जा रहा है निर्माण
जिले में गुढ़ के नजदीक खामडीह में भैरव प्रतिमा स्थित है। 10वीं शताब्दी के मध्य का इसका निर्माण माना जाता है। लंबे समय से पहाड़ में यह परिसर उपेक्षा का शिकार था। जिस पर बदवार पहाड़ में स्थापित किए गए सोलर पॉवर प्लांट की कंपनियों ने सामाजिक उत्तरदायित्व(सीएसआर) के तहत इस परिसर के कायाकल्प के लिए राशि आवंटित की है। जिसके चलते 1.65 करोड़ रुपए मंदिर और उसके आसपास सौंदर्यीकरण के लिए कार्य प्रारंभ कराया गया है। ठेकेदार ने मंदिर का कार्य कराने से पहले ही दुकानों के निर्माण का कार्य करा डाला है, जबकि वह हिस्सा बाद में भी कराया जा सकता था।
मध्यप्रदेश प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष अधिनियम 1964 का (12) तथा नियम 1976 के अधीन भैरवनाथ प्रतिमा को प्रांतीय महत्व का राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। इसे किसी तरह की हानि पहुंचाने अथवा दुरुपयोग करने पर तीन साल का कारावास और अर्थदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। इस आशय की सूचना का बोर्ड भी मंदिर परिसर के पास लगाया गया है।
गुढ़ के नजदीक खामडीह में भैरव प्रतिमा स्थित है। इसका निर्माण 10वीं-11वीं शताब्दी के मध्य का माना जाता है। इसकी कारीगरी भी विशेष मानी जाती है। प्रतिमा की लंबाई 8.50 मीटर तथा चौड़ाई 3.70 मीटर है। दाई ओर हाथ में रुद्राक्ष की माला है, दाईं ओर के ऊपरी हाथ में सर्प और नीचे के हाथ में कलश है। गले में रुद्राक्ष की माला और सपज़् लिपटे हुए हैं। कमर में सिंह मुख का अंकन है। प्रतिमा के दोनों ओर एक खड़े हुए-एक बैठे हुए पूजक का अंकन है। इस तरह की विशालकाय और कलाकृतियों से सजी देश की चिह्नित प्रतिमाओं में से यह एक है।
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सीएसआर मद से भैरोंनाथ मंदिर का कायाकल्प कराया जा रहा है। इनदिनों लॉकडाउन की वजह से श्रमिकों ने आना बंद कर रखा है इसलिए कार्य रुका हुआ है। इसे जल्द ही प्रारंभ कराएंगे ताकि समय पर कार्य पूरा किया जा सके।
अनुज प्रताप सिंह, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड