इन गांवों के किसान प्रभावित
ज्यादातर किसान रीवा जिले के बैकुंठपुर मंडी क्षेत्र से आते हैं। जो हिनौती, लौरी, गढ़, बांस, लालगांव आदि समितियों से सम्बद्ध हैं। बता दें कि भावन्तर योजनांतर्गत जब किसानों का पंजीयन किया जा रहा था तब इन किसानों को मझगवां समिति से अटैच कर दिया गया था। पीडि़त किसानों में हरि राम शर्मा पिता धीरधर शर्मा निवासी लौरी ने 16 क्ंिवटल मसूर बेचा था। इसी प्रकार रायवेंद्र सिंह पिता औशेर सिंह ने साढ़े सात क्ंिवटल चना एवं साढ़े पांच क्ंिवटल मसूर बेचा था। इनके साथ ही कुल 83 ऐसे किसान हैं जिनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
ज्यादातर किसान रीवा जिले के बैकुंठपुर मंडी क्षेत्र से आते हैं। जो हिनौती, लौरी, गढ़, बांस, लालगांव आदि समितियों से सम्बद्ध हैं। बता दें कि भावन्तर योजनांतर्गत जब किसानों का पंजीयन किया जा रहा था तब इन किसानों को मझगवां समिति से अटैच कर दिया गया था। पीडि़त किसानों में हरि राम शर्मा पिता धीरधर शर्मा निवासी लौरी ने 16 क्ंिवटल मसूर बेचा था। इसी प्रकार रायवेंद्र सिंह पिता औशेर सिंह ने साढ़े सात क्ंिवटल चना एवं साढ़े पांच क्ंिवटल मसूर बेचा था। इनके साथ ही कुल 83 ऐसे किसान हैं जिनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
यह कहना है उच्चाधिकारियों का
जब इस संदर्भ में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव से सम्पर्क किया गया तो कलेक्टर ने बताया कि इस विषय में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की गई है। वहीं जिला खाद्य नियंत्रक राजेन्द्र सिंह परिहार द्वारा बताया कि उनके खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भी लिखापढ़ी की जा चुका है। इस पर किसानों का कहना है कि आखिर उनकी क्या गलती है, उनका भुगतान कराया जाना चाहिए।
जब इस संदर्भ में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव से सम्पर्क किया गया तो कलेक्टर ने बताया कि इस विषय में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की गई है। वहीं जिला खाद्य नियंत्रक राजेन्द्र सिंह परिहार द्वारा बताया कि उनके खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भी लिखापढ़ी की जा चुका है। इस पर किसानों का कहना है कि आखिर उनकी क्या गलती है, उनका भुगतान कराया जाना चाहिए।