scriptभावांतर योजना बनी मजाक, साल भर बाद भी किसानों का भुगतान नहीं, समितियों का काट रहे चक्कर | bhavantar scheme, farmers do not pay even after a year | Patrika News

भावांतर योजना बनी मजाक, साल भर बाद भी किसानों का भुगतान नहीं, समितियों का काट रहे चक्कर

locationरीवाPublished: Apr 05, 2019 04:19:31 pm

Submitted by:

Mahesh Singh

खरीदी केन्द्रों पर मारे-मारे फिर रहे किसान, लाखों रुपए फंसे, अधिकारियों ने खड़े किए हाथ

bhavantar scheme, farmers do not pay even after a year

bhavantar scheme, farmers do not pay even after a year

रीवा. सालभर बाद भी किसानों का भावान्तर का भुगतान नहीं किया गया है। किसान भुगतान प्राप्त करने के लिए खरीदी केन्द्रों का चक्कर लगा रहे हैं। रीवा जिले के मझगवां समिति खरीदी केंद्र में 83 किसानों का 27 लाख से ऊपर पैसा फंसा हुआ है। किसानों ने 2018 में धान सहित अन्य अनाज बेचा था, लेकिन भावांतर योजना के अंतर्गत उनको राशि नहीं मिली है। किसानों ने बताया कि फूड कंट्रोलर ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। अब ऐसे में वे भटक रहे हैं। साथ ही आगामी फसल के पंजीयन को लेकर भी संशय बना हुआ है।
इन गांवों के किसान प्रभावित
ज्यादातर किसान रीवा जिले के बैकुंठपुर मंडी क्षेत्र से आते हैं। जो हिनौती, लौरी, गढ़, बांस, लालगांव आदि समितियों से सम्बद्ध हैं। बता दें कि भावन्तर योजनांतर्गत जब किसानों का पंजीयन किया जा रहा था तब इन किसानों को मझगवां समिति से अटैच कर दिया गया था। पीडि़त किसानों में हरि राम शर्मा पिता धीरधर शर्मा निवासी लौरी ने 16 क्ंिवटल मसूर बेचा था। इसी प्रकार रायवेंद्र सिंह पिता औशेर सिंह ने साढ़े सात क्ंिवटल चना एवं साढ़े पांच क्ंिवटल मसूर बेचा था। इनके साथ ही कुल 83 ऐसे किसान हैं जिनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
यह कहना है उच्चाधिकारियों का
जब इस संदर्भ में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव से सम्पर्क किया गया तो कलेक्टर ने बताया कि इस विषय में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की गई है। वहीं जिला खाद्य नियंत्रक राजेन्द्र सिंह परिहार द्वारा बताया कि उनके खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भी लिखापढ़ी की जा चुका है। इस पर किसानों का कहना है कि आखिर उनकी क्या गलती है, उनका भुगतान कराया जाना चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो