शासन की योजना में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है। उक्त योजना के तहत जो भी आवेदन आते है वे आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से जमा होते है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताउसे अग्रेसित करती है और ब्लाक परियोजना कार्यालय में स्वीकृति के लिए जाते है। वहां से आवेदन स्वीकृति के लिए जिला परियोजना कार्यायल भेजे जाते है। इस मामले में अगस्त के महीने में 32 व सितंबर महीने में 38 आवेदन न तो आंगनवाड़ी केन्द्र से अग्रेसित कराए गए और न ही उनको ब्लाक परियोजना कार्यालय से स्वीकृति कराया गया। सीधे तौर पर उनको जिला परियोजना कार्यालय के कम्प्यूटर आपरेटर ने आनलाइन फीड कर दिया।
इस मामले में प्रथम दृष्ट्यिा 72 लोगों को नामजद किया है। इसमें 70 तो महिला हितग्राही है जिनके नाम पर राशि स्वीकृत हुई है। इन महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर आरोपी ने ठगी का शिकार बनाया था। इसके अतिरिक्त इनका आवेदन पत्र लेने वाला पुरुषोत्तम पाठक व कम्प्यूटर आपरेटर भी नामजद हुआ है। उक्त महिला हितग्राही लालच में फंसकर उसके झांसे में आ गई या फिर अनजाने में वे आरोपी के झांसे में आ गई इसका पता नहीं चल पाया है।
आबिद खान, एसपी रीवा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ था जिसे नईगढ़ी थाने भेजा गया था। शासन की योजना में अपात्रों द्वारा राशि निकालने का मामला था। जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्ट्यिा धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच में जिन लोगों के नाम सामने आऐंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।