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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 70 महिला हितग्राही समेत 72 लोगों पर दर्ज हुआ मामला

locationरीवाPublished: Oct 22, 2019 01:43:22 am

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

पीएमएमवीवाई में साढ़े तीन लाख का भ्रष्टाचार, 70 हितग्राहियों के नाम पर निकाले रुपए, नईगढ़ी ब्लाक का है पूरा मामला, कम्प्यूटर आपरेटर ने सीधे आवेदन पत्र आनलाइन का किया फर्जीवाड़ा

Big fraud in Prime Minister's Matri Vandana Yojana

Big fraud in Prime Minister’s Matri Vandana Yojana

रीवा. नईगढ़ी ब्लाक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस योजना में कम्प्यूटर आपरेटर ने करीब पौन सैकड़ा आवेदनों को सीधे आन फीडिंग कर राशि जारी करवा दी जिसका बंदरबांट कर लिया गया। पूरा मामला सामने आने पर अब विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मामला नईगढ़ी ब्लाक का बताया जा रहा है। नईगढ़ी ब्लाक अन्तर्गत आने वाले दो गांवों के करीब 70 महिलाओं के नाम पर पीएमएमव्हीवाई योजना के तहत राशि का बंदरबांटकिया गया है। पुरुषोत्तम पाठक निवासी लेडुआ थाना नईगढ़ी ने उक्त महिलाओं के आवेदन पत्र एकत्र किये थे।आवेदन पत्रों को उसने जिला कार्यालय में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर मुरली पाण्डेय को दिये। कम्प्यूटर आपरेटर ने आवेदन पत्रों की आनलाइन फीडिंग की और प्रति महिला के हिसाब से 5000 रुपए की राशि स्वीकृत हो गई।उक्त राशि हितग्रयाहियों के खातों में पहुंच गई जिसे निकालकर उन्होंने बंदरबांट कर लिया। करीब साढ़े तीन लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब अधिकारियों ने इसकी जांच कराई। नईगढ़ी ब्लाक के परियोजना अधिकारी ने इस मामले की जांच की गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बयान लिये गये जिसके बाद फर्जीवाड़ा सामने आ गया। उन्होंने जांच प्रतिवेदन जिला परियोजना कार्यालय भेजा जहां से कलेक्टर को पूरे मामले की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने एसपी को मामला दर्जकरने के लिए पत्र भेजा जिसके बाद नईगढ़ी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। उक्त घोटाला सामने आने से हड़कंप मचा है। प्रथम दृष्ट्यिा पुरुषोत्तम पाठक व कम्प्यूटर आपरेटर मुरली पाण्डेय का नाम सामने आया है। जांच में आरोपियों की संख्या बढऩे की संभावना जताईजा रही है।
कैसे ही हुआ भ्रष्टाचार
शासन की योजना में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है। उक्त योजना के तहत जो भी आवेदन आते है वे आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से जमा होते है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताउसे अग्रेसित करती है और ब्लाक परियोजना कार्यालय में स्वीकृति के लिए जाते है। वहां से आवेदन स्वीकृति के लिए जिला परियोजना कार्यायल भेजे जाते है। इस मामले में अगस्त के महीने में 32 व सितंबर महीने में 38 आवेदन न तो आंगनवाड़ी केन्द्र से अग्रेसित कराए गए और न ही उनको ब्लाक परियोजना कार्यालय से स्वीकृति कराया गया। सीधे तौर पर उनको जिला परियोजना कार्यालय के कम्प्यूटर आपरेटर ने आनलाइन फीड कर दिया।
70 महिला हितग्राही समेत 7२ लोगों पर दर्ज हुआ मामला
इस मामले में प्रथम दृष्ट्यिा 72 लोगों को नामजद किया है। इसमें 70 तो महिला हितग्राही है जिनके नाम पर राशि स्वीकृत हुई है। इन महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर आरोपी ने ठगी का शिकार बनाया था। इसके अतिरिक्त इनका आवेदन पत्र लेने वाला पुरुषोत्तम पाठक व कम्प्यूटर आपरेटर भी नामजद हुआ है। उक्त महिला हितग्राही लालच में फंसकर उसके झांसे में आ गई या फिर अनजाने में वे आरोपी के झांसे में आ गई इसका पता नहीं चल पाया है।
धोखाधड़ी का मामला दर्ज
आबिद खान, एसपी रीवा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ था जिसे नईगढ़ी थाने भेजा गया था। शासन की योजना में अपात्रों द्वारा राशि निकालने का मामला था। जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्ट्यिा धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच में जिन लोगों के नाम सामने आऐंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
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