काम्पलेक्स में वाहनों की सुरक्षा शून्य
शहर में दर्जनभर से अधिक बड़े काम्पलेक्स है जिनमें काफी संख्या में कोचिंग, कम्प्यूटर सेंटर सहित अन्य संस्थान चल रहे हैं। हर माह लाखों का किराया वसूल करने वाले काम्पलेक्स के संचालक वाहनों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं किये है। इन काम्पलेक्सों के बाहर आधा सैकड़ा से अधिक गाडिय़ां खड़ी रहती है जो चोरों के लिए सबसे आसान टारगेट होती है। रमागोविन्द पैलेस, जॉन टावर, शिल्पी प्लाजा, तानसेन काम्पलेक्स, गांधी काम्पलेक्स शामिल है। इन्हीं स्थानों से सबसे अधिक गाडिय़ां चोरी होती है।
शहर में दर्जनभर से अधिक बड़े काम्पलेक्स है जिनमें काफी संख्या में कोचिंग, कम्प्यूटर सेंटर सहित अन्य संस्थान चल रहे हैं। हर माह लाखों का किराया वसूल करने वाले काम्पलेक्स के संचालक वाहनों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं किये है। इन काम्पलेक्सों के बाहर आधा सैकड़ा से अधिक गाडिय़ां खड़ी रहती है जो चोरों के लिए सबसे आसान टारगेट होती है। रमागोविन्द पैलेस, जॉन टावर, शिल्पी प्लाजा, तानसेन काम्पलेक्स, गांधी काम्पलेक्स शामिल है। इन्हीं स्थानों से सबसे अधिक गाडिय़ां चोरी होती है।