भाजपा महिला मोर्चाकी ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया हैकि योजना क्रमांक छह के लोगों को अवैध बताकर वसूली की जा रही है। खाली प्लाटों में मनमानी रूप से टैक्स लगाया जा रहा है। आवास योजना में भ्रष्टाचार, बीएलसी घटक की राशि दूसरे मद में खर्च करने, करीब २२ करोड़ के निर्माण कार्य रोकने, शहर की स्वच्छता प्रभावित करने, सीवरेज प्रोजेक्टका कार्यरोकने सहित अन्य कईआरोप लगाए गए हैं। साथ ही कहा गया हैकि शहर सरकार द्वारा संज्ञान लेकर कार्रवाईनहीं की गईतो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
जिस दौरान महिलाएं ज्ञापन सौंप रही थी, उसी दौरान पीछे की ओर से भाजपा कार्यकर्ताओं ने चूडिय़ों के छल्ले का बंडल निगम आयुक्त की ओर फेंका। यह भीड़ में मौजूद महिलाओं के सिर पर गिरा, जिससे वह जख्मी हो गईं। इस दौरान दो महिला कार्यकर्ताओं के सिर से खून भी बहने लगा और अफरा-तफरी मच गई। जिसके बाद सभी महिलाएं चेंबर के बाहर आ गईं।
भाजपा महिला मोर्चा द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद नगर निगम कर्मचारी संघ की बैठक हुई। इसके बाद संघ की ओर से बयान जारी किया गया कि जिस तरह से आयुक्त चेंबर में दीवाल और कम्प्यूटर पर चूडिय़ां फोड़ी गईऔर कुर्सियां फेंक कर अव्यवस्था फैलाने का प्रयास हुआ वह निंदनीय है। संघ की ओर से यह भी कहा गया है कि महिलाओं के श्रृंगार और सम्मान से जुड़ी सामग्री का जिस तरह से प्रदर्शन किया गया वह नारी शक्ति का अपमान है। संघ ने घटना की निंदा करते हुए कहा हैकि इस मामले में कर्मचारी आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
नारी चेतना मंच ने प्रदर्शन को बताया गलत
निगम कार्यालय में प्रदर्शन के बाद नारी चेतना मंच की ओर से भी बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया हैकि महिलाओं के श्रृंगार का अपमान राजनीतिक फायदे के लिए करना उचित नहीं है। मंच के संरक्षक अजय खरे ने कहा कि एक ओर जहां नारी सशक्तीकरण की बात हो रही है, वहीं भाजपा द्वारा अब भी महिलाओं को असहाय बताने का प्रयास किया जा रहा है। कहा गया है कि राजनीतिक दलों को विरोध के दूसरे तरीके अपनाने चाहिए न की महिलाओं के सम्मान से जुड़ी सामग्री का इस तरह प्रदर्शन किया जाए।
नगर निगम के आयुक्त सभाजीत यादव और भाजपा नेताओं के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर के स्कीम नंबर छह की जांच शुरू कराए जाने के बाद दो अधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव दिया तो एमआइसी ने रोक दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए आयुक्त ने एमआइसी के नौ सदस्यों की पार्षदी समाप्त करने संभागायुक्त को प्रतिवेदन भेज दिया। साथ ही आइएचएसडीपी योजना में निगम द्वारा बनाए मकानों में बिना राशि जमा कराए कब्जा दिलाने के मामले में पूर्वमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को ४.९४ करोड़ रुपए वसूली का नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद से भाजपा के नेता आक्रामक हो गए हैं। सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक सभा में निगम आयुक्त को जिंदा दफन करने की धमकी दी है तो अन्य नेताओं की ओर से भी बयानबाजी हुईहै।
सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम रीवा ने कहा कि राजनीतिक दल विरोध प्रदर्शन के लिए स्वतंत्र है। उस पर कोईप्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती। रही बात शहर के विकास की तो दस्तावेजों के आधार पर कहा जा सकता है कि बीते पांच साल में हाल के कुछ महीनों में ही सबसे अधिक कार्यहुए हैं। अब चाहे कोईकब्र खोदने की बात करे या चूड़ी भेंट करें। सभी कार्यसामने हैं।