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IAS आफिसर ने भ्रष्टाचार पर कसा शिकंजा तो बचाव में उतरी भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता, चूडिय़ां और साड़ी सौंपी

locationरीवाPublished: Oct 17, 2019 11:56:53 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

 
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने निगम आयुक्त को चूडिय़ां भेंट की- पार्टी ने निगम कार्यालय में किया प्रदर्शन, शहर का विकास अवरुद्ध करने लगाया आरोप

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BJP Mahila Morcha workers presented bangles to the Corporation Commissioner



रीवा। नगर निगम रीवा में सत्ताधारी दल भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ही निगम अधिकारियों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। भाजपा महिला मोर्चा की अगुआई में पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने निगम कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने निगम आयुक्त के चेंबर में पहुंचकर उन्हें ज्ञापन के साथ चूड़ी और साड़ी भेंट की। साथ ही महिलाओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि इनदिनों रीवा शहर के विकास की रफ्तार रुकी हुई है।
पहले तो महिला मोर्चा की अध्यक्ष मनीषा पाठक के साथ अन्य महिलाएं केवल ज्ञापन देने के लिए पहुंची थी। इसी बीच पीछे से किसी कार्यकर्ता ने चूडिय़ों का बंडल भेजा। महिलाएं आयुक्त को चूडिय़ां पहनाना चाह रही थी लेकिन उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन को वह स्वीकार कर रहे हैं, इसलिए जो भी सामग्री वह सौंप दें। तब महिलाओं ने चूडिय़ों का बंडल और साड़ी उन्हें भेंट कर दी। साथ ही ज्ञापन देकर शहर की समस्याओं के निदान की मांग भी की।
इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष मनीषा पाठक के साथ ही विमलेश मिश्रा, विभा पटेल, कल्पना श्रीवास्तव, सुनीता पटेल, उर्मिला द्विवेदी, हेमलता सिंह, शशि परमार, आशा साकेत आदि के साथ ही भाजपा नेता राजगोपाल चारी, कमलेश सचदेवा, बृजेन्द्र गौतम, नरेन्द्र शर्मा, शिवम द्विवेदी सहित युवा मोर्चा के अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। पूर्व महापौर शिवेन्द्र पटेल सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी पहुंचे लेकिन तब तक प्रदर्शन समाप्त हो चुका था। वहीं निगम के स्पीकर सतीश सोनी सहित भाजपा के अन्य पार्षद स्पीकर कक्ष में मौजूद थे लेकिन प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।

– चूडिय़ों का बंडल फेकने से कई महिलाएं जख्मी
जिस दौरान महिलाएं ज्ञापन सौंप रही थी, उसी दौरान पीछे की ओर से भाजपा कार्यकर्ताओं ने चूडिय़ों के छल्ले का बंडल निगम आयुक्त की ओर फेंका। यह भीड़ में मौजूद महिलाओं के सिर पर गिरा, जिससे वह जख्मी हो गईं। इस दौरान दो महिला कार्यकर्ताओं के सिर से खून भी बहने लगा और अफरा-तफरी मच गई। जिसके बाद सभी महिलाएं चेंबर के बाहर आ गईं।

– ये प्रमुख मांगे आयुक्त के सामने रखीं
भाजपा महिला मोर्चा की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि योजना क्रमांक छह के लोगों को अवैध बताकर वसूली की जा रही है। खाली प्लाटों में मनमानी रूप से टैक्स लगाया जा रहा है। आवास योजना में भ्रष्टाचार, बीएलसी घटक की राशि दूसरे मद में खर्च करने, करीब २२ करोड़ के निर्माण कार्य रोकने, शहर की स्वच्छता प्रभावित करने, सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य रोकने सहित अन्य कई आरोप लगाए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि शहर सरकार द्वारा संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

– स्कीम छह में कार्रवाई के बाद से बढ़ा टकराव
नगर निगम के आयुक्त सभाजीत यादव और भाजपा नेताओं के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर के स्कीम नंबर छह की जांच शुरू कराए जाने के बाद दो अधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव दिया तो एमआइसी ने रोक दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए आयुक्त ने एमआइसी के नौ सदस्यों की पार्षदी समाप्त करने संभागायुक्त को प्रतिवेदन भेज दिया। साथ ही आइएचएसडीपी योजना में निगम द्वारा बनाए मकानों में बिना राशि जमा कराए कब्जा दिलाने के मामले में पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को 4.94 करोड़ रुपए वसूली का नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद से भाजपा के नेता आक्रामक हो गए हैं। सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक सभा में निगम आयुक्त को जिंदा दफन करने की धमकी दी है तो अन्य नेताओं की ओर से भी बयानबाजी हुई है।

– निगम कर्मचारियों ने प्रदर्शन की निंदा की
भाजपा महिला मोर्चा द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद नगर निगम कर्मचारी संघ की बैठक हुई। इसके बाद संघ की ओर से बयान जारी किया गया कि जिस तरह से आयुक्त चेंबर में दीवाल और कम्प्यूटर पर चूडिय़ां फोड़ी गई और कुर्सियां फेंक कर अव्यवस्था फैलाने का प्रयास हुआ वह निंदनीय है। संघ की ओर से यह भी कहा गया है कि महिलाओं के श्रृंगार और सम्मान से जुड़ी सामग्री का जिस तरह से प्रदर्शन किया गया वह नारी शक्ति का अपमान है। संघ ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि इस मामले में कर्मचारी आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

नारी चेतना मंच ने प्रदर्शन को बताया गलत
निगम कार्यालय में प्रदर्शन के बाद नारी चेतना मंच की ओर से भी बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि महिलाओं के श्रृंगार का अपमान राजनीतिक फायदे के लिए करना उचित नहीं है। मंच के संरक्षक अजय खरे ने कहा कि एक ओर जहां नारी सशक्तीकरण की बात हो रही है, वहीं भाजपा द्वारा अब भी महिलाओं को असहाय बताने का प्रयास किया जा रहा है। कहा गया है कि राजनीतिक दलों को विरोध के दूसरे तरीके अपनाने चाहिए न की महिलाओं के सम्मान से जुड़ी सामग्री का इस तरह प्रदर्शन किया जाए।

राजनीतिक दल विरोध प्रदर्शन के लिए स्वतंत्र है। उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती। रही बात शहर के विकास की तो दस्तावेजों के आधार पर कहा जा सकता है कि बीते पांच साल में हाल के कुछ महीनों में ही सबसे अधिक कार्य हुए हैं। अब चाहे कोई कब्र खोदने की बात करे या चूड़ी भेंट करें। सभी कार्य सामने हैं।
सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम रीवा

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