बता दें कि गत 3 अक्टूबर को एक युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने आए युवती के पिता को थाने में 36 घंटे तक बिठाए जाने की शिकायत के बाद एसपी राकेश कुमार सिंह ने टीआई एसके शुक्ला को दो दिन पहले निलंबित कर दिया था। एसके शुक्ल के निलंबन के बाद मनगवां विधायक डॉ. पंचूलाल प्रजापति एसपी से नाराज हैं। उन्होंने गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि एसपी ने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर टीआई के विरुद्ध कार्रवाई की है। इसके पहले निरीक्षक समरजीत सिंह एवं विद्यावारिधि तिवारी को मेरे न चाहते हुए भी मनगवां में तैनात करने का प्रयास किया गया था। फिर एसके शुक्ला को मनगवां थाना में टीआई नियुक्त किया गया।
भाजपा विधायक ने पत्र में यह भी लिखा है कि एसपी ने एसके शुक्ल को जिले से बाहर स्थानांतरित करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन मैने व्यक्तिगत रूप से फोन कर डीजी से उनका स्थानांतरण निरस्त कराते हुए मनगवां थाने का टीआई बनवाया। यह बात एसपी को नागवार गुजरी और उन्होंने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर निलंबन का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि हफ्ते भर में निलंबित टीआई को बहाल कर मनगवां थाना में तैनात नहीं किया गया तो क्षेत्रीय जन के साथ एसपी कार्यालय के सामने अनशन पर बैठूंगा।
विधायक ने पत्र में यह भी लिखा है कि अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनुभाग मनगवां संतोष कुमार निगम द्वारा जांच में गड़बड़ी की गई है। एसके शुक्ल की तैनाती के बाद जिले में अपराध घट गए थे। ऐसे में टीआई एसके शुक्ल को बहाल करते हुए पुन: उसी थाने में पदस्थापना की जाए। साथ ही एसडीओपी मनगवां संतोष कुमार निगम को भी वहां से तत्काल हटाया जाए। बताया जा रहा है कि प्रजापति ने रीवा आईजी को भी इसी तरह का एक ज्ञापन सौंपा है।
कोट “एक युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने आए पिता को 36 घंटे तक टीआई ने थाने में बिठाकर रखा। इसकी शिकायत युवती के पिता व उसके परिजनों ने की, जिसकी जांच कराई गई। जांच में टीआई पर लगाए गए आरोप की पुष्टि होने पर निलंबन की कार्रवाई की गई।”– राकेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक, रीवा