भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की वार्षिक सामान्य सभा की बैठक में कई प्रस्तावों को मिली हरी झंडी
रीवा। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी रीवा अपना ब्लड बैंक स्थापित करेगा। वार्षिक सामान्य सभा की बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है। साथ ही कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई है। शनिवार को कलेक्ट्रेट में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की वार्षिक सामान्य सभा की बैठक कलेक्टर प्रीति मैथिल की अध्यक्षता में हुई। इसमें चेयरमैन रेडक्रॉस सोसायटी डॉ. एचपी सिंह ने कई प्रस्ताव रखे। उन्होंने इंडिया न्यू बार्न एक्शन प्लान की तर्ज पर रीवा न्यू बार्न एक्शन प्लान बनाने की बात कही। इसके मुताबिक, मातृ-शिशु मृत्यु की रोकथाम के लिए प्रयास करने को कहा। इसके तहत किशोर-किशोरियों को जागरुकता, गर्भावस्था के दौरान गर्भवती की देखभाल और डिलेवरी के बाद तीन दिन तक अस्पताल में मौजूदगी सुनिश्चित करने पर जोर देने की बात शामिल है। किशोर-किशोरियों के न्यूट्रीशन और जीवन कौशल पर
ध्यान देने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाने का प्रस्ताव भी रखा गया। ब्लड बैंक की समस्या के निदान के लिए रेडक्रॉस का ब्लड बैंक स्थापित करने और अनाथ बच्चों के लिए रहवास और झूलाघर पर भी विचार किया गया है। कलेक्टर ने इसका प्रस्ताव भी मांगा है। इसके अलावा खिलौना लाइब्रेरी को संचालित करने का प्रस्ताव भी रखा गया। जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। वार्षिक बजट की रूपरेखा भी रखी गई। बैठक में सीएमएचओ डॉ. आनंद महेंद्रा, डॉ. ज्योति सिंह, सुशीला दुबे सहित रेडक्रास के सभी सक्रीय सदस्य मौजूद रहे। इस मौके पर सुशीला दुबे का 80 वां जन्मदिन भी
केक काटकर मनाया गया।
तीन पौधों के रोपण की तैयारीपर्यावरण की दृष्टि से नीम, मुनगा और चीकू का पौधरोपण बृहद पैमाने पर करने का प्रस्ताव भी रखा। कहा गया कि नीम संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकती है। मुनगा कुपोषण से मुक्ति दिलाता है और चीकू के फल में 200 कैलोरी ऊर्जा होती है। चेयरमैन डॉ. एचपी सिंह ने कहा कि इससे पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन भी संरक्षित होगा।
गोद लेने का सिलसिला रहे जारीकलेक्टर ने कहा कि अटल बाल पालक बनकर कुपोषित बच्चों की गोद लेने की परंपरा को आगे बढ़ाया जाए। कई महिलाएं इस अभियान में सक्रीय योगदान दे रहीं हैं। यह सिलसिला जारी रखना है। समाज की सहभागिता से न केवल कुपोषण के प्रति लोगों में जागरुकता बड़ी है बल्कि कुपोषण से बच्चों को निजात भी मिल रही है। रेडक्रास सोसायटी के सदस्य एक-एक बच्चे को गोद लेंगे।