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सेवाएं देने वालों ने भी नहीं दी है जानकारी
ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा निर्धारित अवधि तक सेवाएं देने वाले कई चिकित्सकों ने भी मेडिकल कालेज को सूचना नहीं दी है। जिसके चलते उनको भी नोटिस जारी कर सात दिन का अवसर दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि यदि जिन्होंने सेवाएं नहीं दी हैं वह बंधपत्र की राशि वापस करें। साथ ही जिन्होंने सेवाएं दी हैं या दे रहे हैं उनकी ओर से मेडिकल कालेज प्रबंधन को कोई जानकारी अब तक नहीं दी गई थी, वह भी उसी सात दिन के भीतर अपनी जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं। यदि वह ऐसा नहीं करेंगे तो उनका भी पंजीयन निलंबित करने के लिए कालेज प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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पीजी डिग्री और डिप्लोमा के बांड डिफाल्टर चिकित्सक
वर्ष——- डिग्री—- डिप्लोमा—
2006—— 15—-20
2007——-09—22
2008—03—01
2009—-05–02
2010– 06—-02
2011– 06— 01
2012—04—00
2013- –16–03
2014– 07–10
2015– 05—-08
2016—-10—03
2017—-00– 01
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यूजी के भी 65 चिकित्सकों ने बांड नहीं किए पूरे
मेडिकल कालेज ने पीजी के साथ ही यूजी के पास आउट चिकित्सकों को भी नोटिस जारी किया है। इसमें वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2013 तक बैच के मेडिकल छात्र शामिल हंै। नोटिस के मुताबिक वर्ष 2002 में 14, वर्ष 2003 के पांच, 2004 के छह, 2005 के एक, 06 के दो, 07 के तीन, 08 के एक, 09 के एक, 10 के एक, 11 के पांच, 12 के पांच और वर्ष 2013 के 22 चिकित्सक शामिल हैं।
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चिकित्सकों को शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देनी होती हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त राशि मिलती है। यदि वह नहीं जाते तो बांड की राशि जमा करनी होती है। कालेज को जिन चिकित्सकों की जानकारी नहीं है उन्हें सात दिन का समय दिया गया है। कोई सूचना नहीं आने पर रजिस्ट्रेशन निलंबित करने का प्रस्ताव भेजेंगे।
डॉ. मनोज इंदुरकर, डीन एसएस मेडिकल कालेज रीवा
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