scriptग्रामीण सेवाएं नहीं देने वाले 158 चिकित्सक बांड डिफाल्टर घोषित | bond defaulter doctors medical college rewa | Patrika News

ग्रामीण सेवाएं नहीं देने वाले 158 चिकित्सक बांड डिफाल्टर घोषित

locationरीवाPublished: Sep 15, 2021 11:01:34 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– मेडिकल कालेज ने सात दिन के भीतर बंधपत्र की राशि जमा कराने का दिया अल्टिमेटम- वर्ष 2002 से 2017 बैच तक के चिकित्सकों से मांगा गया जवाब

rewa

bond defaulter doctors medical college rewa,bond defaulter doctors medical college rewa,bond defaulter doctors medical college rewa


रीवा। मेडिकल कालेजों से शिक्षा प्राप्त करने वाले डाक्टर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने की अनिवार्यता की गई है। इसके लिए उन्हें अलग-अलग बंधपत्र के आधार पर राशि भी मुहैया कराई जाती है। अधिकांश चिकित्सकों ने निर्धारित शर्तों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं नहीं दी हैं। जिसके चलते श्यामाह मेडिकल कालेज रीवा के प्रबंधन ने ऐसे चिकित्सकों को बांड डिफाल्टर घोषित किया है, जिसकी अब तक कोई सूचना मेडिकल कालेज प्रबंधन को नहीं मिली है।
इसके लिए कालेज की ओर से सात दिन का समय दिया गया है और कहा गया है कि संबंधित चिकित्सक बांड की राशि मेडिकल कालेज में जमा कराएं। अन्यथा उनका पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई होगी। मेडिकल कालेज डीन द्वारा जारी किए गए आदेश में वर्ष 2002 से लेकर 2017 तक के बैच के चिकित्सकों के नाम शामिल हैं। पीजी डिग्री हासिल करने वाले 158 चिकित्सकों को नोटिस जारी कर कहा गया है कि वह अपनी स्थिति से कालेज प्रबंधन को अवगत कराएं। सात दिन की निर्धारित अवधि के भीतर यदि संबंधित चिकित्सक बांड की राशि कालेज प्रबंधन के पास यदि जमा नहीं करेंगे तो मेडिकल काउंसिल भोपाल पंजीयन निलंबन के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
कालेज प्रबंधन द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम के बाद प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि मेडिकल कालेज के कर्मचारियों से कई चिकित्सकों ने संपर्क किया है और अपना पक्ष रखने की बात कही है।

सेवाएं देने वालों ने भी नहीं दी है जानकारी
ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा निर्धारित अवधि तक सेवाएं देने वाले कई चिकित्सकों ने भी मेडिकल कालेज को सूचना नहीं दी है। जिसके चलते उनको भी नोटिस जारी कर सात दिन का अवसर दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि यदि जिन्होंने सेवाएं नहीं दी हैं वह बंधपत्र की राशि वापस करें। साथ ही जिन्होंने सेवाएं दी हैं या दे रहे हैं उनकी ओर से मेडिकल कालेज प्रबंधन को कोई जानकारी अब तक नहीं दी गई थी, वह भी उसी सात दिन के भीतर अपनी जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं। यदि वह ऐसा नहीं करेंगे तो उनका भी पंजीयन निलंबित करने के लिए कालेज प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव भेजा जाएगा।
———
पीजी डिग्री और डिप्लोमा के बांड डिफाल्टर चिकित्सक
वर्ष——- डिग्री—- डिप्लोमा—
2006—— 15—-20
2007——-09—22
2008—03—01
2009—-05–02
2010– 06—-02
2011– 06— 01
2012—04—00
2013- –16–03
2014– 07–10
2015– 05—-08
2016—-10—03
2017—-00– 01
————————
———–

यूजी के भी 65 चिकित्सकों ने बांड नहीं किए पूरे


मेडिकल कालेज ने पीजी के साथ ही यूजी के पास आउट चिकित्सकों को भी नोटिस जारी किया है। इसमें वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2013 तक बैच के मेडिकल छात्र शामिल हंै। नोटिस के मुताबिक वर्ष 2002 में 14, वर्ष 2003 के पांच, 2004 के छह, 2005 के एक, 06 के दो, 07 के तीन, 08 के एक, 09 के एक, 10 के एक, 11 के पांच, 12 के पांच और वर्ष 2013 के 22 चिकित्सक शामिल हैं।
——-

चिकित्सकों को शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देनी होती हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त राशि मिलती है। यदि वह नहीं जाते तो बांड की राशि जमा करनी होती है। कालेज को जिन चिकित्सकों की जानकारी नहीं है उन्हें सात दिन का समय दिया गया है। कोई सूचना नहीं आने पर रजिस्ट्रेशन निलंबित करने का प्रस्ताव भेजेंगे।
डॉ. मनोज इंदुरकर, डीन एसएस मेडिकल कालेज रीवा
————–
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो